बिहार : इलाज के लिए मददगार को तलाश रही है महिला क्रिकेटर
गोपालगंज:बिहारके गोपालगंज में दियारे की बेटी ने जब नाजुक कलाइयों में बल्ला थामा, तो न सिर्फ गांव और जिले का ही नाम रोशन किया, बल्कि बिहार की बेटियों के क्रिकेट में बढ़ते हौसले को भी बुलंद किया. जिले की बेटी अनीता कुमारी की न सिर्फ खेल प्रतिभा पर प्रश्नचिह्न लग गया है, बल्कि अपने इलाज […]
गोपालगंज:बिहारके गोपालगंज में दियारे की बेटी ने जब नाजुक कलाइयों में बल्ला थामा, तो न सिर्फ गांव और जिले का ही नाम रोशन किया, बल्कि बिहार की बेटियों के क्रिकेट में बढ़ते हौसले को भी बुलंद किया. जिले की बेटी अनीता कुमारी की न सिर्फ खेल प्रतिभा पर प्रश्नचिह्न लग गया है, बल्कि अपने इलाज के लिए वह मददगार को तलाश रही है.
बरौली प्रखंड के रूपनछाप गांव के स्व चंद्रदेव धानुक की बेटी अनीता कुमारी का घुटना पूर्णिया में टी-20 क्रिकेट मैच खेलते समय फ्रैक्चर हो गया. 10 दिनों तक इंदिरा गांधी आयुर्वेद संस्थान में भरती कराया गया. घुटने के ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों ने उसे दिल्ली जाने की सलाह दी है. सवा लाख रुपये खर्च आयेंगे.
गरीबी में पलने वाली अनीता की मां बेटी के इलाज में इस खर्च को वहन करने में सक्षम नहीं है. ऐसे में इसे इलाज के लिए मददगार की जरूरत है. मां ने कहा, काश! कोई बेटी के इलाज में मदद करता.
एथलीट से क्रिकेट कप्तान तक किया सफर
वर्ष 2009 में अनीता छात्राओं में एथलीट के क्षेत्र में जिला चैंपियन बनी. वर्ष 2013-14 में धावक में प्रथम स्थान लाकर वह उड़नपरी के नाम से प्रसिद्ध हुई. वर्ष 2012 में उसने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा और बेस्ट ऑल राउंडर बन गयी. जिला महिला क्रिकेट टीम के साथ-साथ बिहार महिला क्रिकेट टीम में भी उसने कई बार प्रदर्शन किया.
अनीता का कैरियर एक नजर मेें….
– 19वें सब जूनियर क्रिकेट चैंपियनशिप में किया प्रदर्शन
– दरभंगा में प्रथम टी-20 इंदिरा गांधी क्रिकेट वुमेंस चैंपियनशिप
– उत्तर प्रदेश, हरियाणा, नेपाल में कर चुकी है टीम के साथ प्रदर्शन
– तीन साल से कर रही जिला महिला टीम का नेतृत्व