कमला राय कॉलेज में अनशन पर बैठे अभाविप के कार्यकर्ता

कॉलेज प्रबंधन पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप प्राचार्य को बरखास्त करने की उठी आवाज गोपालगंज : भ्रष्टाचार के खिलाफ विभिन्न छात्र संगठन बुधवार को कमला राय कॉलेज में अनशन पर बैठ गये. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजन तिवारी के नेतृत्व में दर्जन भर छात्र अनशन पर बैठ गये. अनशन पर बैठे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2016 4:23 AM

कॉलेज प्रबंधन पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

प्राचार्य को बरखास्त करने की उठी आवाज
गोपालगंज : भ्रष्टाचार के खिलाफ विभिन्न छात्र संगठन बुधवार को कमला राय कॉलेज में अनशन पर बैठ गये. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजन तिवारी के नेतृत्व में दर्जन भर छात्र अनशन पर बैठ गये. अनशन पर बैठे छात्रों के द्वारा कॉलेज प्रबंधन के द्वारा की जा रही अवैध वसूली पर रोक लगाये जाने को लेकर भी आवाज उठायी गयी. वहीं, कॉलेज में अभाविप के कार्यकर्ताओं के अनशन पर बैठने की सूचना सदर अनुमंडल पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार को मिली. उन्होंने कॉलेज पहुंच कर अनशनकारियों को समझाया,
लेकिन वे नहीं माने. अनशनकारियों ने फॉर्म ऑनलाइन किये जाने के नाम पर प्रति छात्र 80 रुपये की वसूली की गयी राशि को वापस करने, एससी-एसटी की सभी छात्राओं के नि:शुल्क के बदले 425 रुपये वसूल किये जाने, पार्ट टू के परीक्षा फॉर्म में 395 के बदले 590 रुपये की वसूली, नामांकन के समय प्रोपेक्टस की वसूल की गयी राशि को वापस करने, कॉलेज में छात्र–-छात्राओं के लिए मूलभूत सुविधाओं के नहीं रहने एवं वित्तीय अनियमितता के मामले की जांच किये जाने के साथ -साथ प्राचार्य की बरखास्तगी की मांगों को लेकर आवाज उठायी. इस मौके पर विशाल वैभव, कौशिक सिंह, सन्नी सिंह, राहुल उपाध्याय, पीयूष उपाध्याय, विटू शर्मा आदि मौजूद थे.
अनशनकारी छात्र नहीं
कमला राय कॉलेज में अनशन पर बैठे छात्र नहीं है. कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा अपने को छात्र नेता बता कर अनशन किया जा रहा है. इससे नामांकन तथा परीक्षा प्रपत्र भरने का कार्य बाधित हो रहा है. ऐसी स्थिति में धरना पर बैठे असामाजिक तत्वों की जांच करा कर कॉलेज प्रबंधन को कार्रवाई करने की जरूरत है.
उक्त बातें छात्र राजद के जिलाध्यक्ष संजीव सिंह ने कहीं. उन्होंने कहा कि अनशन पर बैठे लोग किसकी अनुमति से कॉलेज में कामकाज को बाधित कर रहे हैं. अगर असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई नहीं होती, तो छात्र राजद जिला प्रशासन एवं कॉलेज प्रशासन के विरुद्ध आंदोलन पर उतरने पर विवश हो जायेगा.

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