यह तालाब नहीं, एनएच है

एनएच 28 बना जलाशय, कैसे हो परिचालन इस्ट वेस्ट कॉरीडोर योजना के तहत निर्माणाधीन एनएच 28 खंडहर बन गया है. गड्ढेनुमा सड़क पर पानी जमा होने के कारण ट्रकों का फंसना जारी है. वहीं, चालकों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. गोपालगंज : चौंकिये नहीं जनाब, यह तालाब नहीं एनएच 28 है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 22, 2016 8:39 AM
एनएच 28 बना जलाशय, कैसे हो परिचालन
इस्ट वेस्ट कॉरीडोर योजना के तहत निर्माणाधीन एनएच 28 खंडहर बन गया है. गड्ढेनुमा सड़क पर पानी जमा होने के कारण ट्रकों का फंसना जारी है. वहीं, चालकों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
गोपालगंज : चौंकिये नहीं जनाब, यह तालाब नहीं एनएच 28 है. वह भी भारत का प्रमुख राजमार्ग. जी हां, एनएच 28 से गुजरनेवाले अक्सर लोग इन दिनों ये फर्क नहीं कर पा रहे हैं कि वे हाइवे पर चल रहे हैं कि कहीं और. कारण है –एनएच की सूरत ही ऐसी बना दी गयी है. बढ़ेयां मोड़ से सासामुसा तक कई ऐसे स्पॉट हैं, जहां चलना मुश्किल है. ये जगह जाम और डेंजर स्पॉट बन गये हैं, जहां प्रतिदिन न सिर्फ गाड़ियां फंस रही हैं बल्कि दुर्घटना भी आम बात हो गयी है. इन जगहों पर पहुंचते ही चालक कांपते हैं. यदि मरम्मत नहीं करायी गयी, तो बरसात में राज मार्ग का बंद हो जाना तय है.
बंजारी के पास सड़क का पता ही नहीं
बंजारी के पास सड़क का कुछ अता-पता नहीं है. गांव की सड़क पर पानी जमा है. हाइवे यहां वनवे कर दिया गया है. इस सड़क पर जाम लाइलाज बीमारी बन गया है. यहां रोज गाड़ियों का फंसना जारी है. इससे यहां प्रतिदिन घंटों जाम लगता है. यह कोइनी का अंधा मोड़ है.
यहां सड़क बिल्कुल सकरी व टूटी हुई है. सिंगल सड़क होने के कारण यहां सिर्फ जाम ही नहीं लगता, बल्कि रोज दुर्घटनाएं होती हैं. इस संदर्भ में निर्माण एजेंसी पूंजलैंड के जीएम राजीव झा से संपर्क स्थापित किया गया, तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.
एक किमी तक सड़क नहीं
सासामुसा के पास एनएच की हालात बदतर है. तीन किमी तक सड़क का नामोनिशान नहीं है. दाहा नदी से लेकर पवन टॉकिज तक एक तो सड़क संकीर्ण है, बड़े-बड़े गड्ढे हैं. गड्ढों में 3-4 फुट पानी भरा है. प्रति दिन इसमें ट्रक फंसता है और निकालने में मशक्कत करनी पड़ती है. इसके लिए ग्रामीण प्रदर्शन भी कर चुके हैं.

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