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नेपाल में बारिश से 167 गांवों में बाढ़ का खतरा, अफरा-तफरी

आफत . चार दिनों से बाढ़ के पानी में घिरे लोगों की हालत गंभीर अवधेश कुमार राजन गोपालगंज : गंडक नदी की बाढ़ से पिछले चार दिनों से 60 गांवों की 80 हजार की आबादी बुरी तरह से प्रभावित है. अब भी गांवों में 50 हजार से अधिक लोग फंसे हुए हैं. इनका घर पिछले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 27, 2016 6:05 AM
आफत . चार दिनों से बाढ़ के पानी में घिरे लोगों की हालत गंभीर
अवधेश कुमार राजन
गोपालगंज : गंडक नदी की बाढ़ से पिछले चार दिनों से 60 गांवों की 80 हजार की आबादी बुरी तरह से प्रभावित है. अब भी गांवों में 50 हजार से अधिक लोग फंसे हुए हैं. इनका घर पिछले चार दिनों से पानी में घिरा हुआ है. दाने-दाने को ये लोग मुहताज हैं. स्थिति भयावह बनती जा रही है.
नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है. एक अनुमान के मुताबिक नदी का जल स्तर चार लाख क्यूसेक से अधिक जा सकता है. चार लाख क्यूसेक पानी आने पर छरकियों के ओवर फ्लो करने की आशंका बनी हुई है. रिंग बांध से पानी ओवर फ्लो किया, तो 167 से अधिक गांव प्रभावित हो जायेगा. इस बीच डीएम राहुल कुमार ने सदर प्रखंड के प्रभावित गांवों में जाकर लोगों को ऊंचे स्थल पर जाने की अपील की है. उधर कुचायकोट, मांझा, बरौली, सिधवलिया तथा बैकुंठपुर के सीओ को अलर्ट करते हुए कहा गया है कि निचले इलाके से लोगों को सुरक्षित निकाल कर बाढ़ राहत शिविर में पहुंचाने की व्यवस्था करें.
इसके अलावा एनडीआरएफ की टीम को भी लोगों को बाहर निकालने के लिए लगाया गया है. डीएम ने बताया कि सभी पंचायतों के मुखियाओं को पर्याप्त नाव उपलब्ध करायी गयी है. बाढ़ राहत शिविर में भोजन से लेकर दवा और रहने की व्यवस्था की गयी है. सिपाया फाटक को बंद करने की सूचना मिलते ही ग्रामीण उग्र हो गये. ग्रामीणों ने फाटक को बंद करने का विरोध किया है. इधर, फाटक बंद नहीं हुआ तो कुचायकोट प्रखंड के ऊपरी हिस्से समेत उचकागांव, हथुआ के अलावा सीवान जिले में भी दाहा नदी तबाही मचाने को आतुर है. ग्रामीणों का कहना है कि फाटक बंद होने से दियारे के दर्जनों गांव में पानी तबाही मचायेगा.
गंडक नदी के बढ़ते जल स्तर के बीच सदर प्रखंड की बरइपटी, रामपुर टेंगराही, निरंजना, भसही, मलाही टोला, कटघरवा, जगीरीटोला, राम नगर, खाप मकसुदपुर, जादोपुर दुखहरण, मांझा प्रखंड के निमुइया, मांघी, मंगुरहा, गौसिया पंचायतों के कुछ हिस्से नदी में घिरे हैं. यहां लगभग 40 हजार की आबादी अपने घरों में कैंद है. नाव की व्यवस्था नहीं होने से लोग निकल भी नहीं पा रहे हैं. माल-मवेशियों के अलावा दाने-दाने को लोग मुहताज हो गये हैं. डीएम जब खाप मकसुदपुर पहुंचे, तो लोगों ने उन्हें घेर लिया तथा चूड़ा और गुड़ की मांग करने लगे.

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