बाढ़ में डूब गये दियारे के किसानों के अरमान

गोपालगंज : गंडक की उफनती धारा भले ही शांत हो गयी है, लेकिन बाढ़ ने किसानों के अरमानों को खाक कर दिया है. पानी हटने के साथ ही दियारे में लगी गन्ना की फसल सूख रही है. ऐेसे में इस वर्ष किसानों को दस करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. गौरतलब है कि दियारावासियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2016 7:25 AM
गोपालगंज : गंडक की उफनती धारा भले ही शांत हो गयी है, लेकिन बाढ़ ने किसानों के अरमानों को खाक कर दिया है. पानी हटने के साथ ही दियारे में लगी गन्ना की फसल सूख रही है. ऐेसे में इस वर्ष किसानों को दस करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. गौरतलब है कि दियारावासियों के लिए गन्ना की फसल आर्थिक रीढ़ है. मकान बनाना हो, बेटे- बेटी की शादी करनी हो या बच्चे को शिक्षा देनी हो, सारी उम्मीदें गन्ना पर ही टिकी हैं.
इसके लिए किसानों ने जी-तोड़ मेहनत भी की थी. एक पखवारे पूर्व तक दियारे की धरती गन्ना की हरियाली से आच्छादित थी. आयी बाढ़ के बाद फसल के हालात ही बदल गये. पूर्वांचल के भैंसहीं, पकड़ियां, महोदीपुर, बतरदेह, सलेमपुर, हसनपुर, बघवार, सलेहपुर, बंजरिया, टंडसपुर से लेकर प्यारेपुर तक दियारे की धरती पर उपजी गन्ने की फसल अब सूखने लगी है. ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गयी है कि आने वाले समय में उनके खर्च कहां से पूरे होंगे. पशु चारे के लिए भी नहीं है उपयुक्त : अत्यधिक पानी के कारण सूख रही गन्ने की फसल चारे के लिए भी उपयुक्त नहीं है. इसे पशु भी नहीं खा रहे हैं. ऐसे में जलावन के अलावा किसी और काम का नहीं रह गया है गन्ना.
एक नजर में गन्ने की फसल व नुकसान
कुल नुकसान– दो हजार बीघा
कुल लागत -– 1.60 करोड़
आमदनी की लक्ष्य -– 10 करोड़
प्रभावित गांव-– 30
प्रभावित किसान -– 2 हजार
क्या कहते हैं अधिकारी
बाढ़ आने से गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ है. 30 फीसदी गन्ना सूख गया है. इस वर्ष तीन लाख क्विंटल कम पेराई की आशंका है. किसानों को नुकसान तो हुआ ही है, मिल पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा.
वीरेंद्र प्रताप शाही, प्रबंधक, विष्णु शूगर मिल, सिधवलिया

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