तटबंधों पर पॉलीथिन के नीचे गुजार रहे जिंदगी
गंडक नदी के जल स्तर तेजी से घट रहा है. बाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में 97.2 हजार क्यूसेक जल डिस्चार्ज रहा. लोग धीरे-धीरे अपने घर लौट रहे हैं. घरों से पानी निकलने के बाद सांप, बिच्छु और जल जनित कीटाणुओं का खौफ है, तो बरबादी का गम भी. तटबंध पर रहने वाले लोगों पर […]
गंडक नदी के जल स्तर तेजी से घट रहा है. बाल्मीकिनगर बराज से गंडक नदी में 97.2 हजार क्यूसेक जल डिस्चार्ज रहा. लोग धीरे-धीरे अपने घर लौट रहे हैं. घरों से पानी निकलने के बाद सांप, बिच्छु और जल जनित कीटाणुओं का खौफ है, तो बरबादी का गम भी. तटबंध पर रहने वाले लोगों पर पड़ताल करती यह रिपोर्ट.
संजय कुमार अभय
गोपालगंज : गंडक नदी की विनाशकारी धारा ने इनके जीवन को कष्टदायक बना दिया है. कल तक ये भी खाते-पीते परिवार में शामिल थे. आज प्रशासन ने मिली दो गज पॉलीथिन के नीचे रात गुजार रहे हैं. इनको इंतजार है कि घर से बाढ़ का पानी कब निकलता है. नदी की स्थिति पर नजर लगाये हुए हैं. हम बात कर रहे हैं कुचायकोट प्रखंड के कालामटिहिनिया बरइपटी तटबंध, सिपाया तटबंध, सदर प्रखंड के 86 नं ढाला के सारण तटबंध, विशुनपुर से जादोपुर पुल के बीच बने सड़क पर शरण लिए बाढ़पीड़ितों की. लगभग 10 हजार परिवार यहां पॉलीथिन के नीचे रात गुजार रहे हैं.
छोटे -छोटे बच्चे और पशुओं को लेकर पीड़ित पिछली 23-24 जुलाई से यहां दिन काट रहे हैं. खेम मटिहिनिया के जगदीश मुसहर ने बताया कि घर में पानी जमा होने के कारण किसी तरह जान बचा कर तटबंध पर आया. प्रशासन की तरफ से पॉलीथिन और चूड़ा- गुड़ मिला. घर में रखा सभी आनाज पानी में बह गया.
कपड़ा और पैसा भी बह गया. जबकि ललन मुसहर ने बताया कि मजदूरी करके अपने परिवार का भरण- पोषण करते हैं. बाढ़ से मजदूरी भी नहीं मिल रही. दूसरे के यहां से खाना की व्यवस्था करनी पड़ रही. जो लोग घर लौट कर गये हैं. उनके यहां अब भी कचरा और पानी भरा हुआ है. रात में जाग कर रहना पड़ रहा. जबकि सिपाया बांध पर एकबाल भगत ने बताया कि मेरा परिवार हर वक्त दूसरे को सहारा देता था. आज लोगों से सहारा लेना पड़ रहा. दो दिनों तक परिवार पानी में घिरा रहा. किसी तरह डीएम राहुल कुमार को सूचना दी तो नाव की व्यवस्था हो सकी और परिवार को सुरक्षित बांध पर निकाला गया. यह दर्द सिर्फ इन्हीं का नहीं है, बल्कि यहां बसे अन्य लोगों का अलग-अलग दर्द है.
पतहरा में मंत्री करेंगे निरीक्षण
जल संसाधन विभाग के मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह गंडक नदी की स्थिति की जानकारी लेने शनिवार को पतहरा तटबंध पर पहुंचेंगे. इस दौरान बाढ़पीड़ितों से भी मिलेंगे. हालांकि मंत्री के कार्यक्रम को लेकर तटबंध पर बाढ़ नियंत्रण विभाग ने पूरी मुस्तैदी के साथ अभियंताओं को तैनात कर दिया है. यहां बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष मो अब्दुल हमीद, बाढ़ विशेषज्ञ अधीक्षण अभियंता मुरलीधर सिंह, जेपी सिंह, श्याम बाबू, कार्यपालक अभियंता शरत कुमार की टीम अभी से ही कैंप कर रही है.
प्रशासन करेगा नावों की खरीदारी
गोपालगंज : अब नाव के संकट से बाढ़पीड़ित नहीं जूझेंगे. इनके दर्द को देखते हुए बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने प्रलयंकारी बाढ़ की विभीषिका झेल रहे गोपालगंज जिले में 150 नाव की व्यवस्था किये जाने का निर्देश दिया है.
विभाग के इस निर्देश के बाद जिला प्रशासन के द्वारा 28 नयी नावों की खरीदारी की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. जबकि जिला प्रशासन के पास पूर्व से 28 नावें मौजूद हैं.
जिन्हें बाढ़ प्रभावित अंचल कुचायकोट, गोपालगंज, मांझा, बरौली, सिधवलिया एवं बैकुुंठपुर के बाढ़ग्रस्त इलाकों में संचालित किया जा रहा है.
जिले में 150 नावों की उपलब्धता किये जाने को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग को 94 नयी नावों की खरीद किये जाने को लेकर डीएम राहुल कुमार के द्वारा प्रस्ताव भेजा गया है. इसको लेकर आपदा प्रबंधन विभाग से लगभग 35 लाख रुपये के आवंटन की मांग की गयी है. ताकि जिले में 94 और नावों की खरीदारी की जा सके. नयी नावों की खरीद कर प्रशासन गोपालगंज में नावों की संख्या 150 करने की तैयारी में है, ताकि बाढ़ की विभीषिका से आसानी से निबटा जा सके.