तिरंगे के चक्र से प्रेरणा लेने की जरूरत : सच्चिदानंद

मंत्रियों के नहीं आने से फीका रहा कार्यक्रम भोरे : तिरंगा हमारे देश के पराक्रम का प्रतीक है. इसमें लगा अशोक चक्र धर्म चक्र परावर्तन से लिया गया है. इसका उद्देश्य है बुद्ध के बनाये मार्गों पर चलना है. तिरंगा से प्यार करने वाले भारतवासी अगर भगवान बुद्ध के प्रथम नियम ‘वाक्य संयम’ का अनुसरण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2016 7:55 AM
मंत्रियों के नहीं आने से फीका रहा कार्यक्रम
भोरे : तिरंगा हमारे देश के पराक्रम का प्रतीक है. इसमें लगा अशोक चक्र धर्म चक्र परावर्तन से लिया गया है. इसका उद्देश्य है बुद्ध के बनाये मार्गों पर चलना है. तिरंगा से प्यार करने वाले भारतवासी अगर भगवान बुद्ध के प्रथम नियम ‘वाक्य संयम’ का अनुसरण करें, तो समाज में व्याप्त अशांति, वैमन्यय और वाद-विवाद काफी हद तक समाप्त हो जायेगा. उक्त बातें भोरे प्रखंड के हुस्सेपुर स्थित कथित बौद्ध स्तूप पर आयोजित बौद्ध महोत्सव में कहीं. इस कार्यक्रम में बिहार सरकार के तीन मंत्रियों को आना था.
उनके नहीं आने से कार्यक्रम फीका रहा. यूं तो इस कार्यक्रम में कुशीनगर से नांबिक भंते, थाईलैंड के सोग्रांत, बरौली के कैचकर महखीरो, सारनाथ के सोर्धायसिक, तिब्बत के लांबा हिंमार एवं सागर भंते तथा भिक्षु महासंघ के अध्यक्ष नंदरतन आदि ने भी लोगों को संबोधित किया.
हथुआ के विधायक रामसेवक सिंह ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए उपस्थित जनसमूह से बुद्ध के मध्यम मार्ग को अपनाने की अपील की. खेदुआपुर निवासी राम नारायण सिंह ने अस्पताल एवं विद्यालय बनाने के लिए अपनी 21.5 कट्ठा जमीन अशोक सोशल वेलफेयर सोसाइटी को दान में दी. मौके पर विजय सिंह, डॉ रवींद्र सिंह, सुरेंद्र माझी, अरविंद कुशवाहा, नवनीत कुमार, डॉ नथुनी सिंह, बच्चा सिंह, अभिषेक रंजन, महातम सिंह, राजाराम सिंह, डॉ वाइपी सिंह, गिरीश मौर्या,कमलेश प्रसाद आदि मौजूद थे.

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