एक ब्लैक बोर्ड से तीन कक्षाओं की पढ़ाई

गोपालगंज :शहर के एक स्कूल में एक ही ब्लैक बोर्ड पर पांच अलग-अलग वर्ग के गुरुजी पढ़ाते हैं. एक कमरे में पांच वर्गों का संचालन होता है. यहां वर्ग तीन के बच्चे पहाड़ा पढ़ते हैं, तो उन्हें वर्ग चार के बच्चों की हिंदी की वर्णमाला सुनाई देने लगती है, तो कभी पांचवीं क्लास की अंगरेजी. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 31, 2016 4:16 AM

गोपालगंज :शहर के एक स्कूल में एक ही ब्लैक बोर्ड पर पांच अलग-अलग वर्ग के गुरुजी पढ़ाते हैं. एक कमरे में पांच वर्गों का संचालन होता है. यहां वर्ग तीन के बच्चे पहाड़ा पढ़ते हैं, तो उन्हें वर्ग चार के बच्चों की हिंदी की वर्णमाला सुनाई देने लगती है, तो कभी पांचवीं क्लास की अंगरेजी. यह हाल है शहर के वार्ड नं -19 में स्थित प्राथमिक विद्यालय का. दुर्दशा ऐसी कि कोई भी अपने लाडले को यहां पढ़ने के लिए नहीं भेजेगा.

स्कूल दो कमरे में हैं. एक कमरे में आंगनबाड़ी केंद्र चलता है. दूसरे कमरे में वर्ग एक से पांच तक के बच्चों की पढ़ाई होती है. कमरे में आधे से अधिक हिस्से में एमडीएम का सामान रखा जाता है. स्कूल की मरम्मत भी नहीं हो पा रही है. बच्चों की संख्या यहां 96 है. एक छोटे से कमरे में पांच वर्गों का संचालन सर्व शिक्षा अभियान की पोल खोल रहा है. यहां बारिश होने पर बच्चों को कमरे के अंदर बैठा कर पढ़ाया जाता है.

वैसे तो वर्ग एक और दो के छात्रों को कमरे से बाहर बैठा कर पढ़ाया जाता है. एक ब्लैक बोर्ड पर कभी तीन, तो कभी पांच शिक्षक पढ़ाते मिलेंगे. वर्ग पांच की छात्रा नेहा कुमारी बताती हैं कि मेरे वर्ग में हिंदी पढ़ायी जाती है, तो वर्ग तीन के बच्चे उर्दू छोड़ कर हिंदी नोट कर लेते हैं. अक्सर यह गलती होती है.

एक नजर में स्कूल
प्राथमिक विद्यालय वार्ड नं- 10
छात्रों की संख्या – 96
शिक्षकों की संख्या – 06
कमरा -1
नहीं मिला आवंटन
स्कूल के भवन के लिए दो साल पहले काफी प्रयास किया गया, लेकिन सर्व शिक्षा अभियान की सेटिंग में फिट नहीं बैठ पाये. इसके कारण जमीन रहते स्कूल के लिए भवन का आवंटन नहीं मिला.
रंजन कुमार सिन्हा, हेडमास्टर
शहर के बीचोबीच स्कूल में मात्र एक ही कमरे में चल रहा स्कूल
एमडीएम के सामान से भरा रहता है स्कूल का आधा कमरा
खुले आसमान के नीचे बनाना पड़ता है एमडीएम
एक ब्लैक बोर्ड पर पढ़ातीं तीन शिक्षिकाएं

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