बाहर से आनेवाले संदिग्ध मरीज जांच के लिए पहुंच रहे अस्पताल

डेंगू, चिकनगुनिया व चिकेनपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी होने के बाद भी विभाग मच्छरों की रोकथाम के लिए बेपरवाह बना है. मच्छरों के प्रकोप न बढ़े, इसको लेकर शहरी इलाके में फॉगिंग नहीं करायी गयी. डेंगू के तीन संदिग्ध रोगी मिल चुके हैं. गोपालगंज : स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू, चिकनगुनिया और चिकेनपॉक्स को लेकर अलर्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2016 4:39 AM

डेंगू, चिकनगुनिया व चिकेनपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी होने के बाद भी विभाग मच्छरों की रोकथाम के लिए बेपरवाह बना है. मच्छरों के प्रकोप न बढ़े, इसको लेकर शहरी इलाके में फॉगिंग नहीं करायी गयी. डेंगू के तीन संदिग्ध रोगी मिल चुके हैं.

गोपालगंज : स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू, चिकनगुनिया और चिकेनपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया है. लेकिन इससे निपटने के लिए माकूल इंतजाम नहीं किये. न तो मलेरिया विभाग के पास मच्छर मारने का पर्याप्त संसाधन है और न नगर परिषद का अमला मुस्तैद है. नतीजा, मच्छरों का डंक खतरनाक होता जा रहा है. मलेरिया विभाग के पास डेंगू की जांच के लिए कीट नहीं है. दवाओं के छिड़काव के लिए बजट नगर परिषद के पास है, लेकिन कहीं दिखाई नहीं दे रहा.
शहर में फिलहाल डेंगू के केस नहीं मिले हैं. लेकिन, बाहर से आनेवाले संदिग्ध तीन रोगियों में डेंगू के लक्षण पाये गये हैं. इलाज के लिए बाहर के अस्पतालों में भरती कराया गया है. मलेरिया विभाग के मुताबिक संदिग्ध मरीज मिलने पर जांच और इलाज के लिए बाहर भेजा जाता है. जिला मलेरिया पदाधिकारी चंद्रिका साह ने बताया कि संदिग्ध केस मिले हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट अभी आना बाकी है. वैसे गुड़गांव में रहनेवाले गोपालगंज के युवक में डेंगू पॉजिटिव केस मिला है. लेकिन, उसका परिवार और मरीज बाहर ही रहकर इलाज करा रहा.
डेंगू के प्रमुख लक्षण
डेंगू होने पर मरीज को सिर दर्द के साथ तेज बुखार होता है. आंख की पुतली के पिछले हिस्से में दर्द रहता है. शरीर पर लाल दाने निकल जाता है. सर्दी और खांसी हो जाती है, जिसे ठीक होने में समय लग जाता है. साथ ही शरीर का रक्तचाप लगता है जिसकी वजह से समय पर इलाज नहीं के कारण मरीज की मौत तक हो जाती है.
बचाव के उपाय
इससे बचाव के लिए घरों में फ्रिज, कूलर, डब्बे, बरतन, बोतल और टायर में रखे पानी को समय -समय पर बदलते रहना चाहिए.घरों के आसपास के जलजमाव वाले स्थानों से जल निकासी होना चाहिए. सोते समय दवा युक्त मच्छरदानी, सोते समय पूरे शरीर ढके होने चाहिए, सामान्य तरीके से डेंगू का बचाव
आसपास पानी इक्कठा न होने दें. यदि पानी एकत्र हो तो उसमें बीटीआइ पाउडर, टैमीफॉस या जला हुआ तेल डालें.
घरों में कूलर, टायर, टंकियों में जमा पानी को निकालें. घर में फुलवारी है, तो मच्छर मारने का स्प्रे करें.
पूरे और आरामदायक कपड़े (जिसमें अधिकतम शरीर ढका रहे) पहनें, खासकर बच्चों को दिन-रात में सुलाते समय इसका ध्यान रखें.
क्या कहते हैं अधिकारी
डेंगू के पॉजीटिव केस हमारे यहां नहीं मिले हैं. बाहर रह रहे लोगों में डेंगू का लक्षण मिला है, जिसकी रिपोर्ट भेजी गयी है. अस्पताल में दो संदिग्ध रोगी मिले हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट आना बाकी है.
डॉ चंद्रिका साह, जिला मलेरिया पदाधिकारी, गोपालगंज

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