संगीत के बिना मनुष्य का जीवन पशु के समान : बृजबिहारी
चौसा : नृत्य,संगीत व वाद्य कला से वंचित मनुष्य का जीवन पशु के समान हो जाता है. हंसी में वह शक्ति है, जिससे पर्वत श्रृंखला भी झुक जाती है. स्वस्थ रहने के लिए हंसना जरूरी है जिससे जीवन में कोई संकट नहीं आता. अपने बड़े बुजुर्गों की सेवा ही विश्वकर्मा भगवान की सच्ची पूजा है […]
चौसा : नृत्य,संगीत व वाद्य कला से वंचित मनुष्य का जीवन पशु के समान हो जाता है. हंसी में वह शक्ति है, जिससे पर्वत श्रृंखला भी झुक जाती है. स्वस्थ रहने के लिए हंसना जरूरी है जिससे जीवन में कोई संकट नहीं आता. अपने बड़े बुजुर्गों की सेवा ही विश्वकर्मा भगवान की सच्ची पूजा है क्योंकि आज इस भौतिक युग में बुजुर्ग हासिये पर पंहुचते जा रहे हैं.
आज के परिवेश में बेटी, गंगा, गौ व गौरैया की रक्षा करना ही हमारी संस्कृति बचायी जा सकती है. सांस्कृतिक कार्यक्रमों से समाज में भाईचारा व समरसता कायम रहता है. उक्त बातें आटो चालक विश्वकर्मा पूजा समिति के द्वारा चौसा रेलवे स्टेशन पर विश्वकर्मा पूजा के उपलक्ष्य में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में रविवार की शाम देवी जागरण में मुख्य अतिथि सह उद्घाटन कर्ता के रूप में उपस्थित पूर्व मुखिया बृजबिहारी सिंह ने लोगों को संबोधित करते हुए कही.