सेंट्रल बैंक पीड़ितों के खातें में नहीं भेज रहा राहत की राशि

आक्रोश . गंडक का नहीं थमा कटाव, कई गांवों पर बढ़ा खतरा गंडक नदी का कटाव थमने का नाम नहीं ले रहा है. कटाव से अब तक छह गांवों का अस्तित्व मिट चुका है. नदी अब भी कई गांवों के लिए खतरा बनी हुई है. कालामटिहनिया : गंडक नदी के कटाव से बेघर हुए पीड़ितों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2016 12:48 AM

आक्रोश . गंडक का नहीं थमा कटाव, कई गांवों पर बढ़ा खतरा

गंडक नदी का कटाव थमने का नाम नहीं ले रहा है. कटाव से अब तक छह गांवों का अस्तित्व मिट चुका है. नदी अब भी कई गांवों के लिए खतरा बनी हुई है.
कालामटिहनिया : गंडक नदी के कटाव से बेघर हुए पीड़ितों के दर्द को बैंक और बढ़ा रहा है. पीड़ितों के लिए सरकार के द्वारा आवंटित राहत राशि पर सेंट्रल बैंक कुचायकोट कुंडली जमाये हुए हैं. पिछले एक माह पूर्व 4665 पीड़ितों को सीओ ने राहत के रूप में छह हजार रुपये की राशि देने के लिए कुचायकोट सेंट्रल बैंक को एडवाइस भेजी गयी. इसके लिए कटाव पीड़ितों का एकाउंट नंबर भी उपलब्ध कराया गया था. सेंट्रल बैंक ने आज तक उनके खाते में राशि नहीं भेजी है.
महज 162 पीड़ितों को राहत की राशि उपलब्ध हुई है, जबकि छह हजार से अधिक परिवार राहत की राशि के लिए बैंक और अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. राहत राशि नहीं मिलने के कारण सबसे अधिक कठिनाई में कटाव पीड़ित हैं. फुटपाथ पर पॉलीथिन के नीचे शरण लिये हुए हैं. अब तक कालामटिहनिया पंचायत के विशंभरपुर, तिवारी टोला, धानुकटोला, अहिरटोली, हजामटोली, कुर्मटोली आदि गांवों के कटाव पीड़ित राहत और पुनर्वास के लिए ठोकर खाने पर विवश हैं.
पीड़ितों ने मांगा पायलट चैनल
बुधवार को कुचायकोट के जदयू विधायक अमरेंद्र कुमार उर्फ पप्पू पांडेय कटाव पीड़ितों से मिलने पहुंचे. इस दौरान पीड़ितों ने मांग पत्र सौंप कर गांव को बचाने के लिए प्रस्तावित पायलट प्रोजेक्ट को तत्काल शुरू कराने की मांग करते हुए कहा कि विस्थापित परिवारों को राहत, भोजन, पुनर्वास की व्यवस्था करायी जाये. भवन क्षतिपूर्ति का आकलन कर उसका मुआवजा दिलाया जाये. एपीएल, बीपीएल को समाप्त कर सभी विस्थापित परिवार को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ा जाये. सेंट्रल बैंक से राहत राशि जल्द आरटीजीएस करायी जाये.
कई गांवों पर बढ़ा खतरा
नदी का कटाव थम नहीं रहा है. स्थिति यह है कि नदी तेजी से फुलवरिया और खेम मटिहिनिया गांव की तरफ बढ़ रही है.
इन दोनों गांवों पर खतरा मंडरा रहा है, जबकि नदी का कटाव विशंभरपुर बाजार पर चल रहा है. यहां +2 स्कूल को भी बचा पाना मुश्किल हो गया है.
बैंक और अंचल का चक्कर लगा कर थक चुके हैं पीड़ित
कटावपीड़ितों का दर्द सुनते विधायक.
जांच कर होगी कार्रवाई
कटावपीड़ितों की तरफ से किसी तरह की शिकायत नहीं आयी है. अगर सेंट्रल बैंक के द्वारा गड़बड़ी की जा रही है, तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
अनिल कुमार, प्रबंधक, लीड बैंक, गोपालगंज

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