गोपालगंज : लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारियां पूरे बिहार में जोरों पर है. चारों ओर छठ गीत और घाटों की साफ-सफाई के साथ तैयारी चल रही है. इस बीच गोपालगंज के थावे के छठ की चर्चा भी जरूरी है. जानकारी के मुताबिक गोपालगंज के थावें में कई मुसलिम परिवार वर्षों से छठ करते आ रहे हैं. थावें के चनावे गांव में कई मुसलिम परिवार छठ व्रत करते हैं. खरना और नहाय-खाय के साथ यह लोग भी संध्या और सुबह को भगवानसूर्य को अर्ध्य देते हैं. यह सभी परिवार आपसी भाईचारे और सौहार्द की अद्भूत मिसाल पेश कर रहे हैं.
पूरी आस्था के साथ मनाते हैं छठ
स्थानीय लोगों के मुताबिक गांव के हसमुद्दीन अंसारी का परिवार गत तीन वर्षों से छठ पूजा करते आ रहा है. हसमुद्दीन के परिवार में चार सदस्य हैं जो छठ पर्व आते ही सक्रिय हो जाते हैं. इतना ही नहीं उनकी पत्नी भी बच्चों के साथ गांव के पोखर की साफ-सफाई में जुट जाती है और पूजा करते हैं. हसमुद्दीन की चार बेटियां हैं. उन्होंने एक बार छठ पर्व में यह मन्नत मांगी थी कि उन्हें एक पुत्र हो और उसके बाद उन्हें बेटा हुआ. उसके बाद से ही पूरा परिवार छठ करते आ रहा है. पूरा परिवार पारंपरिक तरीके से छठ पूजा करता है.
सारी मन्नतें हुई हैं पूरी
थावें के चनावे गांव में कई ऐसे परिवार हैं जो छठ करते हैं. स्थानीय लोगों के मुताबिक इन्होंने छठ मईया से कोई ना कोई मन्नत मांगी थी जो पूरी हुई उसके बाद इन लोगों ने छठ पूजा शुरू किया. मुसलिम परिवार इस पर्व के दौरान सभी रीति रिवाजों का ख्याल रखता है. साथ ही गांव के लोगों के साथ मिलकर यह पर्व मनाते आ रहा है. स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि थावें में सांप्रदायिक सौहार्द का अद्भूत मिसाल देखने को मिलता है. पूरे गांव में डेढ़ सौ के करीब हिंदु परिवार और 20 के करीब मुसलिम परिवार है. यह लोग कई वर्षों से छठ मनाते आ रहे हैं. इस साल भी इनके द्वारा छठ मनाया जा रहा है.