गोपालगंज : ब्रिटिश सरकार के समय में बीट पुलिसिंग सिस्टम काफी लोकप्रिय था. इससे पुलिसकर्मी प्रत्येक गली व मोहल्लों पर नजर रख पाती थी और किसी भी प्रकार की घटना या दुर्घटना होने पर तुरंत पुलिस के पास खबर पहुंची जाती थी.
ठीक इसी तर्ज पर युवा पुलिस कप्तान रविरंजन कुमार ने शहर में बीट पुलिसिंग सिस्टम लागू किया है. बढ़ते अपराध को रोकने के लिए इसे पूरी तरह से लागू कर दिया गया है. शहर में बीट सिस्टम लागू होने के बाद गली-मोहल्लों में पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं, जिन्हें उक्त मोहल्ले के लोग पहचानेंगे और उन्हें अपनी शिकायत दर्ज करायेंगे. इसका उदेश्य आम लोगों का पुलिस के साथ सीधे जुड़ना भी है.
क्या है बीट सिस्टम : पीपुल फ्रेंडली पुलिसिंग का सबसे बेहतर तरीका बीट पुलिसिंग है. शहर में अलग-अलग क्षेत्र की बीट बना कर पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को वहां प्रभारी व अधीन स्थल कर्मचारी बनाया जाता है, जो बीट अंतर्गत आनेवाले मोहल्लों व बस्तियों में शांति व सुरक्षा-व्यवस्था संभालते हैं.
बीट में लोगों से मिलकर मुसाफिरों, किराएदार, अपराधीकी जानकारी जुटाना भी बीट प्रभारी व कर्मचारियों के जिम्मे होता है. शहरी क्षेत्र में बीट पुलिसिंग सिस्टम चल रहा है. हर गली-मोहल्लों में बीट ऑफिसर्स के फोटो पोस्टर छपवा कर लगाये जायेंगे. इसमें उनके नाम और मोबाइल नंबर अंकित होंगे. इससे आम लोग उनसे आसानी से जुड़ जायेंगे.
पुलिस दोस्त बनकर करेगी लोगों की मदद : घरों के अंदर कई मामले पुलिस के पास नहीं आ पाते हैं. महिलाओं व बच्चों के कई मामले लोक-लाज के डर से दब जाते हैं. बीट पुलिसिंग सिस्टम से पुलिस मित्र इसमें मदद करेंगे. वे घरों की सूचनाएं भी पुलिस को देंगे और पुलिस त्वरित कार्रवाई करेगी. आम जन की सहभागिता से समस्याएं हल होंगी. बीट पुलिस सिस्टम से पुलिसिंग कार्रवाई में तेजी आयेगी.
बीट पुलिसिंग में पूरी जिम्मेवारी : एसपी
शहर में सुरक्षा-व्यवस्था को लेकर बीट पुलिसिंग सिस्टम लागू किया गया है. महिला थाना, एसटी-एससी थाना और टाउन थाने की पुलिस को जवाबदेही के साथ जिम्मेवारी दी गयी है.
रविरंजन कुमार, एसपी