चीनी मिल को पेराई करने की अनुमति

राहत . सिधवलिया चीनी मिल प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक में अहम निर्णय पिछले 15 दिनों से संकट से जूझ रही चीनी मिल को बड़ी राहत मिली है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ हुई बैठक में कुछ शर्तों के मानने के बाद चीनी मिल को पेराई करने की अनुमति दे दी गयी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2016 4:15 AM

राहत . सिधवलिया चीनी मिल प्रबंधन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बैठक में अहम निर्णय

पिछले 15 दिनों से संकट से जूझ रही चीनी मिल को बड़ी राहत मिली है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ हुई बैठक में कुछ शर्तों के मानने के बाद चीनी मिल को पेराई करने की अनुमति दे दी गयी है.
सिधवलिया : भारत शुगर मिल सिधवलिया से जुड़े किसानों के लिए राहत देनेवाली खबर है. सिधवलिया चीनी मिल पर लगायी गयी रोक को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वापस ले लिया है. मंगलवार को चीनी मिल के वरीय प्रबंधक चंद्रमोहन तथा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन विवेक कुमार से घंटों बातचीत के बाद बोर्ड ने चीनी मिल को हरी झंडी दी है. रोक हटने के साथ ही चीनी मिल ने एक दिसंबर से गन्ने का पेराई सत्र के शुभारंभ करने की घोषणा की है. मिल ने अपने किसानों को गन्ना आपूर्ति करने के लिए चालान जारी कर दिया है.
पूर्व विधायक ने दिया धन्यवाद
बैकुंठपुर के पूर्व विधायक तथा जदयू के प्रदेश महासचिव मंजीत कुमार सिंह ने सिधवलिया चीनी मिल को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा कुछ शर्तों के साथ आरोपमुक्त करते हुए चीनी मिल चलाने की अनुमति दिये जाने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बधाई दी है. पूर्व विधायक ने कहा है कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 29 दिसंबर, 2015 को डिस्चार्ज काॅसेंट ऑर्डर दे दिया था तो पुन: मिल के संचालन पर प्रबंधन करना सुनिश्चित था.
किसानों को िमली राहत
चीनी मिल चालू करने की सूचना पर किसानों ने राहत की सांस ली है. पिछले एक सप्ताह से किसानों की सांस अटकी हुई थी. ऐसा लगता था कि नोटबंदी के साथ ही चीनी मिल भी बंद हुई, तो किसान आत्महत्या करने को विवश हो जाते. ऐसे में यह आदेश राहत भरा है.
राजेंद्र सिंह, कबीरपुर
किसानों की नकदी फसल गन्ना है. उसमें भी सिधवलिया चीनी मिल से 30 हजार किसान परिवार जुड़े हैं. इनका शादी-विवाह से लेकर हर छोटा-बड़ा कार्यक्रम गन्ने पर ही निर्भर है. ऐसे में किसान सांसत में थे. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का फैसला किसानों के हित में आया है.
हृदयानंद सिंह, बुचिया
क्या कहते हैं मिल अधिकारी
चीनी मिल ने नियम-कानून को ध्यान में रखते हुए हर आदेश का पालन किया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिसको लेकर आपत्ति जतायी थी उसे भी दुरुस्त कर लिया गया है. बोर्ड का फैसला काफी महत्वपूर्ण कदम है.
शशि केडिया, कार्यपालक उपाध्यक्ष,
भारत शुगर मिल

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