सेतु पर 72 घंटे से 15 किमी में फंसे हैं वाहन

महाजाम . शीतलहर में हाइवे पर सिसक रही जिंदगी, पर्यटकों के साथ ठिठुर रहे सवार डुमरिया पुल पर जाम लाइलाज बन गया है. पिछले 72 घंटों से लगा जाम छूटने का नाम नहीं ले रहा है. अब तक जाम हटाने का प्रशासन का प्रयास पूरी तरह बेअसर रहा है. 15 किमी लंबे जाम में फंसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2016 4:44 AM

महाजाम . शीतलहर में हाइवे पर सिसक रही जिंदगी, पर्यटकों के साथ ठिठुर रहे सवार

डुमरिया पुल पर जाम लाइलाज बन गया है. पिछले 72 घंटों से लगा जाम छूटने का नाम नहीं ले रहा है. अब तक जाम हटाने का प्रशासन का प्रयास पूरी तरह बेअसर रहा है. 15 किमी लंबे जाम में फंसे तीन हजार से अधिक लोग शीतलहर में सड़कों पर सिसक रहे हैं.
महम्मदपुर : सर्द पछुआ हवा, कंपकंपाती ठंड और सड़क किनारे मुट्ठी बांधे लोग, न यहां घर है और न कोई जान-पहचान. यह हालात है एनएच 28 के डुमरिया सेतु के पास का. बर्फीली रात में जाम में फंसे लोग सड़कों पर सिसकने को विवश हैं. शुक्रवार से लगा जाम रविवार को भी अपनी लय में रहा. गौरतलब है कि डुमरिया पुल जर्जर हो चुका है और निर्माण कंपनी इसका जीर्णोद्धार कार्य छोड़ कर फरार है.
शनिवार को निर्माण कंपनी के कुछ कर्मियों ने अलकतरा गिरा कर अपनी जिम्मेवारी पूरी कर ली. इधर, तीन दिनों से 15 किमी में लगा जाम रविवार को भी बदस्तूर जारी रहा. रविवार को भी जाम में 50 से अधिक पर्यटक जहां फंसे रहे, वहीं 15 सौ से अधिक गाड़ियां फंसी हुई हैं. स्थानीय लोग अपनी यात्रा ठप कर घर को लौट जा रहे हैं, लेकिन दूर-दराज से आ जा रहे लोगों को सड़क पर रात बितानी मजबूरी हो गयी है. कल्पना की जा सकती है कि घर में लोग जहां ठंड से कांप रहे हैं, वहीं खुली सड़क पर फंसे लोगों का हाल क्या होगा? शनिवार से स्थानीय पुलिस जाम छुड़ाने के लिए लगी हुई है.
जाम के खिलाफ ग्रामीण करेंगे अनशन : डुमरिया घाट पर लग रहे महाजाम और उत्पन्न परेशानियों से ग्रामीण भी तंग आ चुके हैं. जाम से निजात दिलाने के लिए रविवार को खोरमपुर में अभय पांडेय की अध्यक्षता में बैठक की गयी. बैठक में कहा गया कि जनप्रतिनिधि स्थानीय नेताओं की मांग और प्रशासन के प्रयास के बावजूद जाम की समस्या विकराल होती जा रही है. जाम में दूल्हा- दुल्हन से लेकर पर्यटक तक सड़क पर रहने को विवश हैं.
निर्माण कंपनी फरार है. ग्रामीणों ने अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि प्रशासन जाम से निबटने का स्थायी निदान नहीं करता है, तो ग्रामीण आमरण अनशन करने को बाध्य होंगे. बैठक में महाराणा प्रताप सिंह, नवीन पांडेय, सतेंद्र सिंह, श्रीभगवान शर्मा, पप्पू अंसारी, करमुल्लाह मियां, ब्रजेंद्र दूबे, विश्वनाथ सिंह, नंदू सिंह, सावल सिंह, रामपाल सिंह, शशि दूबे, मुन्ना सिंह, नन्हक मियां, अंकेश पाठक, श्रीकांत पांडेय, मनीष पांडेय, भगवतीशरण पांडेय आदि उपस्थित थे.
प्रशासन का प्रयास अब तक बेअसर, जाम से निबटने के लिए डुमरिया

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