राहत . बाढ़ की त्रासदी से मुक्ति दिलाने की पहल शुरू
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गंडक में बनेगा पायलट चैनल
राहत . बाढ़ की त्रासदी से मुक्ति दिलाने की पहल शुरू गंडक नदी की धारा मोड़ने के लिए जल संसाधन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. धारा मोड़ने से गोपालगंज जिले के 3.65 लाख की आबादी को बाढ़ से मुक्ति मिलने की संभावना है. इसके लिए विभाग ने 25 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया है. […]
गंडक नदी की धारा मोड़ने के लिए जल संसाधन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. धारा मोड़ने से गोपालगंज जिले के 3.65 लाख की आबादी को बाढ़ से मुक्ति मिलने की संभावना है. इसके लिए विभाग ने 25 करोड़ का प्रोजेक्ट बनाया है.
कालामटिहनिया : गंडक नदी में पायलट चैनल बनाने के लिए विभाग ने होम वर्क पूरा कर लिया है. अगले तीन माह में नदी की धारा को मोड़ने के लिए पायलट चैनल और ड्रेनेज का काम पूरा किया जायेगा. इसके लिए टेंडर जारी हो चुका है. टेंडर की प्रक्रिया के साथ ही 23 दिसंबर से 15 मई के बीच गंडक नदी में दो अलग-अलग पायलट चैनल एवं ड्रेनेज का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस पर लगभग 25 करोड़ रुपये खर्च होने हैं. प्रत्येक साल गंडक नदी की तबाही को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग ने इस बार नयी तकनीक से पूरे गांव को प्रोटेक्ट करने के लिए परियोजना तैयार की है. इस पर काम शुरू करने की हरी झंडी भी विभाग से मिल चुकी है.
पतहरा में पायलट चैनल निर्माण के लिए 13.79 करोड़ की राशि तथा कालामटिहनिया में पायलट चैनल निर्माण के लिए 4.98 करोड़ की राशि खर्च की जायेगी. पायलट चैनल के साथ ही ड्रेनेज का काम भी किया जायेगा, ताकि नदी की धारा मोड़ कर बीच में किया जा सके. पायलट चैनल बना कर नदी को ड्रेनेज करते हुए चैनल में एक्टिवेट कर दिया जायेगा, जिससे नदी का दबाव अहिरौली दान से लेकर बैकुंठपुर तक गोपालगंज की तरफ न होकर बीच में होगा.
नदी की धारा अगर मुड़ गयी, तो दियारे के 3.56 लाख की अाबादी जो नदी के तट पर रहती है, उन्हें बाढ़ की त्रासदी से राहत मिलने की उम्मीद है. धारा मोड़ने के लिए 2011 से जल संसाधन विभाग प्रयासरत है. बरौली के सेमरिया तटबंध के टूटने के बाद नदी में पायलट चैनल बनाने एवं ड्रेनेज करने के लिए टेंडर किया गया था, जिसमें हैदराबाद की धरती ड्रेनेज कंपनी पतहरा में बिना पायलट चैनल बनाये आठ करोड़ रुपये की राशि निकाल कर डकार गयी थी. तब से पतहरा में पायलट चैनल का निर्माण नहीं हो सका था.
इस बार विभाग ने फिर से 13.79 करोड़ की राशि आवंटित की है.कुचायकोट प्रखंड की कालामटिहनिया पंचायत के आधा दर्जन गांव 22 अक्तूबर से 16 नवंबर के बीच गंडक नदी के कटाव में उजड़ गये. ऐतिहासिक विश्वंभरपुर, अहिर टोली, कुर्मी टोला, धानुक टोला, किसान भवन, दुर्गा मंदिर, बाबा नर्वदेश्वर नाथ शिव मंदिर, फुलवरिया से विश्वंभरपुर जानेवाली सड़क समेत आधा दर्जन गांव नदी में समा गये. लगभग 560 परिवार फुटपाथ पर आ गये.
शुरुआत में कटाव को रोकने के लिए विभाग ने प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली. अब विभाग ने कालामटिहनिया वार्ड नंबर तीन से लेकर विश्वंभरपुर प्लस टू स्कूल तक प्रोटेक्ट वर्क कराने की मंजूरी दी है, जिसमें 7.24 करोड़ रुपये खर्च कर कटाव से गांव को बचाने के लिए वर्क किया जायेगा.
विभाग ने चैनल निर्माण को 25 करोड़ का बनाया प्रोजेक्ट
15 मई तक पूरा होगा काम
आनेवाली बाढ़ से निबटने के लिए विभागीय स्तर पर तैयारियां शुरू हो गयी हैं. 15 मई तक बचाव कार्य पूरा करते हुए नदी की धारा को मोड़ने का वर्क पूरा हो जायेगा. इस बार एक्सपर्ट अभियंताओं की टीम की मौजूदगी में नयी तकनीक से काम होगा.
मो अब्दुल हमीद, अध्यक्ष, बाढ़ संघार्षात्मक बल, गोपालगंज
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