फसल क्षति अनुदान से किसानों का टूटा भरोसा
आवंटन की आस देख रहा प्रशासन कुचायकोट : फसल क्षति अनुदान से किसानों का भरोसा टूटने लगा है. किसानों की खरीफ फसल बाढ़ और सुखाड़ की भेंट चढ़ कर रह गयी. गत जून, 2016 में ही किसानों की खरीफ फसल नुकसान हो गयी. इसके बाद सरकार के द्वारा किसानों को फसल क्षति मुआवजा दिये जाने […]
आवंटन की आस देख रहा प्रशासन
कुचायकोट : फसल क्षति अनुदान से किसानों का भरोसा टूटने लगा है. किसानों की खरीफ फसल बाढ़ और सुखाड़ की भेंट चढ़ कर रह गयी. गत जून, 2016 में ही किसानों की खरीफ फसल नुकसान हो गयी. इसके बाद सरकार के द्वारा किसानों को फसल क्षति मुआवजा दिये जाने को लेकर जुलाई, 2016 में फसल क्षति का आकलन कराया गया. आकलन के बाद कुचायकोट प्रखंड की पांच पंचायतों में किसानों के धान और ईख की फसल की क्षति का आकलन किसान सलाहकार के माध्यम से कराया गया. किसान सलाहकारों में फसल क्षति का आकलन करने के बाद रिपोर्ट अंचल कार्यालय को सौंप दी गयी,
जहां से किसानों की फसल क्षति की रिपोर्ट तैयार कर आपदा प्रबंधन विभाग को भेजी गयी. प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई से किसानों ने फसल क्षति अनुदान मिलने की उम्मीद जगी. जिला प्रशासन के द्वारा किसानों की फसल क्षति को देखते हुए अनुदान राशि के भुगतान किये जाने को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग से आवंटन की मांग की गयी. विभाग के द्वारा आधा-अधूरा आवंटन प्रशासन को मुहैया कराया गया. ऐसे में जहां एक ओर आवंटन की पूरी राशि प्राप्त नहीं हुई, वहीं प्राप्त आवंटन की तुलना में किसानों के बीच आरटीजीएस के माध्यम से राशि बैंक खाते में भेजे जाने में मनमानी की जा रही है. ऐसी स्थिति में किसानों का आक्रोश प्रशासन के प्रति बढ़ता जा रहा रहा है. जिन्हें फसल क्षति मुआवजा मिलनी है उन्हें भी अब तक नहीं मिल पाया है. वहीं अधिकतर किसान सरकार से आवंटन मिलने की उम्मीद लगाये हुए हैं.