जमा करनी है फीस, घर में लाना है राशन, जेब खाली

गोपालगंज. नोटंबदी के बाद घर में जो भी पांच सौ, हजार रुपये का नोट था उसे बैंक में जमा कर दिया. अब बैंक, एटीएम से अपना ही पैसा नहीं मिल रहा है. बच्चों को कोचिंग व स्कूल की फीस जमा करनी है, तो मकान मालिक को किराया देना है. किसी को परिवार में पीड़ित सदस्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2016 8:10 AM
गोपालगंज. नोटंबदी के बाद घर में जो भी पांच सौ, हजार रुपये का नोट था उसे बैंक में जमा कर दिया. अब बैंक, एटीएम से अपना ही पैसा नहीं मिल रहा है. बच्चों को कोचिंग व स्कूल की फीस जमा करनी है, तो मकान मालिक को किराया देना है. किसी को परिवार में पीड़ित सदस्य का इलाज कराना है तो किसी को घर में राशन लाना है. रोजमर्रा के कार्यों को निबटाने के लिए पैसे की जरूरत है और जेब खाली.
शुक्रवार को अधिकतर एटीएम खाली रहे, लेकिन स्टेट बैंक की मुख्य शाखा व सेंट्रल बैंक के एटीएम पर इन जरूरतों को पूरा करने के वास्ते पूरे दिन सैकड़ों की संख्या में लोग जूझते रहे. विभिन्न स्थानों पर लाइन में लगे जिस किसी से बात की गयी, सभी ने अपनी-अपनी जरूरतें बतायीं. मोदी के नोटबंदी के फैसले की सराहना तो की लेकिन आरबीआइ और बैंकों की भ्रष्ट व्यवस्था को जम कर कोसा.

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