अगली सुनवाई 22 फरवरी को

विकास योजना . कोर्ट ने बहाल किया कमिश्नर, तीन योजनाओं की होगी जांच 6.50 करोड़ की लागत से 106 योजनाओं का होना था क्रियान्वयन गोपालगंज : शहर की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन का रास्ता अभी साफ नहीं हुआ है. सोमवार को कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए तीन योजनाओं की जांच के लिए कमिश्नर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2017 3:48 AM

विकास योजना . कोर्ट ने बहाल किया कमिश्नर, तीन योजनाओं की होगी जांच

6.50 करोड़ की लागत से 106 योजनाओं का होना था क्रियान्वयन
गोपालगंज : शहर की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन का रास्ता अभी साफ नहीं हुआ है. सोमवार को कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए तीन योजनाओं की जांच के लिए कमिश्नर बहाल कर दिया है. जांच के बाद इन योजनाओं पर 22 फरवरी को सुनवाई होगी. गौरतलब है कि शहर के विकास के लिए नगर पर्षद द्वारा 6.50 करोड़ की लागत राशि के लक्ष्य के साथ 106 योजनाओं का चयन किया गया. इन योजनाओं के तहत शहर में नाली, गली एवं सड़कों का पक्कीकरण किया जाना है. दिसंबर में वार्ड संख्या 22 के अंतर्गत आनेवाली तीन योजनाओं पर वार्ड पार्षद मुन्ना राज के पिता द्वारा न्यायालय में योजनाओं पर चुनौती देते हुए कहा गया कि नगर पर्षद द्वारा मनमानी करते हुए निजी जमीन पर जबरन सड़क, नाला निर्माण की योजना बनायी गयी है,
जो गैरकानूनी है. इस मामले पर सोमवार को सीजेएम न्यायालय में सुनवाई की गयी. नगर पर्षद की ओर से अधिवक्ता मनीष किशोर नारायण ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उक्त जमीन खतियान में मालिक गैरमजरूआ है, जबकि वाद दायरकर्ता की ओर से जमीन खरीदने की बात बतायी गयी.
इस मामले पर न्यायालय ने कमिश्नर बहाल करते हुए उक्त जमीन का जांच करने का निर्देश दिया है. इधर, नगर पर्षद को उम्मीद थी कि न्यायालय का फैसला आते ही योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य शुरू हो जायेगा तथा शहर का विकास होगा.
कोर्ट में लंबित है मामला
क्या कहते हैं अपीलकर्ता
योजनाओं का टेंडर नियम को ताक पर रख कर किया गया है. नगर पर्षद द्वारा निकाले गये सभी टेंडर एक्ट के अनुसार नहीं हैं. इसे नये सीरे से होना चाहिए. पूरे मामले पर न्यायालय सुनवाई कर रहा है.
ज्योति प्रकाश वर्णवाल, अधिवक्ता
कहती हैं मुख्य पार्षद
विकास की योजनाओं पर मामला न्यायालय में है. पूर्व मुख्य पार्षद के पति द्वारा जान-बूझ कर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण विकास को अवरुद्ध किया जा रहा है, जो शहरवासियों के हित में नहीं है. न्यायालय पर भरोसा है. देर हो रही है, लेकिन कार्य कराया जायेगा.
संजू देवी, मुख्य पार्षद, गोपालगंज

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