profilePicture

शराबबंदी ने लौटा दीं राजमति की खुशियां

पति शादी-विवाह में खाना बनाने का लेने लगा ठेकाप्रभात खबर डिजिटल प्रीमियम स्टोरीJayant Chaudhary: क्या है ऑरवेलियन-1984, जिसका मंत्री जयंत चौधरी ने किया है जिक्रJustice Yashwant Varma Case: कैसे हटाए जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज?Spies In Mauryan Dynasty : मौर्य काल से ही चल रही है ‘रेकी’ की परंपरा, आज हो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2017 5:18 AM

पति शादी-विवाह में खाना बनाने का लेने लगा ठेका

बरौली : शराबबंदी ने राजमति को जैसे जहान भर की खुशियां उसकी झोली में डाल दी हैं. यह वही राजमति है, जो 10 माह पहले रोज रात को अपने पति के हाथों मार खा कर सो जाती थी. आज उसके सपने को जैसे पंख लग गये हैं. हमेशा रोते रहनेवाली इस महिला के पैर जमीन पर नहीं हैं. उसके चेहरे पर खुशियां झलक रही हैं. कुछ दिनों पहले कर्ज में डूबी थी. आज स्थिति बदल गयी है. घर में चहल-पहल है. पति के हाथों अब उसकी पिटाई नहीं होती है. हम बात कर रहे हैं राजू महतो की पत्नी राजमति की. बरौली प्रखंड के भड़कुईयां वार्ड नंबर सात तिवारी टोला निवासी 45 वर्षीय राजू महतो शराबबंदी से पहले रोज शराब पीकर आता और पत्नी के साथ बेटे राजन, सोनू तथा नेहा से मारपीट करता. पत्नी खर्च के लिए पैसे मांगती, तो बदले में उसे पिटाई मिलती.
राजू के शराब पीने का कोई समय नहीं था. जब कुछ पैसे मिले पी लिया. बच्चों ने भी पिता को शराब पीने से मना किया, उसे समझाया, लेकिन उसने शराब पीनी नहीं छोड़ी. वह जो भी कमाता, शराब में उड़ा देता तथा रात में खाली हाथ घर पहुंचता. नशे की हालत में बीवी और बच्चों के साथ मारपीट करता. शराबबंदी के बाद कुछ दिनों तक इधर-उधर भटका. इस बीच उसकी पत्नी और बच्चे उसे संभालने में जुट गये और आखिरकार राजू संभला और ऐसा संभला कि आज उसके आंगन में खुशियां थिरक रही हैं. अब वह शराब की चर्चा भी सुनना नहीं चाहता. वह रोज सुबह घर से निकलता है और शाम को जब वापस आता है, तो सब्जी, दाल तथा अन्य घरेलू सामान जरूर खरीद कर लाता है. उसने शादी-विवाह में खाना बनाने और खिलाने का ठेका लेने का काम शुरू कर दिया है. राजमति बताती है कि विश्वासे नइखे होत की इ उहे हउअन. रोज मार-गारी करे वाला आदमी एतना बदल जाई हम सोचलहुं ना रहनी हं. हमरा त जैसे दुनिया भर के खुशी मिल गइल बा. धन्य हो शराब बंद करे वाला बाबू.

Next Article

Exit mobile version