अपने अधिकार के प्रति एकजुट हों महिलाएं

परिचर्चा . घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, अशिक्षा के कारण बिखर रहा महिलाओं का सम्मान महिलाओं के प्रति समाज को बदलना होगा अपना सोच गोपालगंज : महिलाएं अंतरिक्ष, सेना से लेकर हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, लेकिन आज भी समाज में उपेक्षित हैं. महिलाओं को उनके हुनर को मुकाम नहीं मिल रहा है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2017 3:55 AM

परिचर्चा . घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, अशिक्षा के कारण बिखर रहा महिलाओं का सम्मान

महिलाओं के प्रति समाज को बदलना होगा अपना सोच
गोपालगंज : महिलाएं अंतरिक्ष, सेना से लेकर हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं, लेकिन आज भी समाज में उपेक्षित हैं. महिलाओं को उनके हुनर को मुकाम नहीं मिल रहा है. समाज में भेदभाव को मिटा कर सम्मान देने की जरूरत है. महिलाओं ने अपने अधिकार और हक को लेकर परिचर्चा में हुंकार भरा. प्रताड़ना के साथ ही दहेज, भ्रूण हत्या व इन दिनों मनबढ़ युवकों के द्वारा बेटियों की तसवीर को अश्लील बना कर सोशल साइट पर वायरल किया जा रहा है. कोचिंग और स्कूल जानेवाली छात्राओं को बेटी-बहन नहीं बल्कि गलत नियत से देखा जाता है. जब तक समाज के लोग अपना सोच नहीं बदलेंगे तब तक महिलाएं घुट-घुट कर टूटती रहेंगी. परिचर्चा में इसे बचाव के भी कई सुझाव आये. महिलाओं को जागरूक करने के लिए भी जोर दिया गया.
शिक्षा और जागरूकता से ही महिला हिंसा की घटना में कमी आयेगी. इस मौके पर शहर की प्रबुद्ध महिलाएं रजनी सिन्हा, वितीका सरकार, रीना सिन्हा, प्रतिमा सिन्हा, अनिता सिन्हा, अरूनिमा श्रीवास्तव, शिक्षा शर्मा, प्रतिम सिंह, संध्या राय, सुप्रिया, रागिनी सिन्हा, प्रेमा सिन्हा, प्रीति श्रीवास्तव, नीतू राय, राखी सिन्हा, श्वेता सिन्हा, शुष्मा श्रीवास्तव, ममता राय, वर्षा कुमारी, सुरभी सिन्हा आदि महिलाएं थी. जबकि प्राइवेट स्कूल यूनियन के सचिव अनिल श्रीवास्तव मौजूद थे.
पिछले पांच वर्ष का रिकाॅर्ड
वर्ष दहेज हत्या प्रताड़ना घरेलू हिंसा
2012 83 162 209
2013 72 203 310
2014 86 227 390
2015 91 265 382
2016 65 285 401
क्या कहती हैं शहर की प्रबुद्ध महिलाएं
बेटियां जब शादी के बाद ससुराल पहुंचती हैं, तो वहां बहू बनती हैं. 18-20 साल तक जिस घर की बेटी रही, उसे त्याग कर ससुराल को अपनाना पड़ता है. यहां सास अपनी बेटी से नहीं बहू से अपेक्षा रखती है.
विभा देवी, शिक्षिका
शिक्षा में कमी के कारण ग्रामीण इलाके में सबसे अधिक घरेलू हिंसा की घटनाएं हो रही हैं. इसके लिए बेटियों को शिक्षित होना जरूरी है. उन्हें उच्च शिक्षा की जरूरत है. उन्हें स्वावलंबी बनाने की जरूरत है.
अनीषा देवी
फेक आइडी बना कर सोशल साइट का दुरुपयोग किया जा रहा है. इसमें महिलाओं का अश्लील चित्र वायरल कर सामाजिक प्रतिष्ठा को गिराया जा रहा है जिसकी अश्लील तसवीर वायरल होती है.
रंजू शर्मा
शिक्षित परिवार में भी आपसी कलह कम नहीं है. जब तक घर में सोच नहीं बदलेगा तब तक महिलाओं का उत्पीड़न कम नहीं होगा. सास अपनी बेटी को जिस तरह मानती है वैसा ही बहू को मानना होगा.
अनूपमा श्रीवास्तव

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