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लोक अदालत ने पीिड़त को दिलाया 23 साल पुराने केस से छुटकारा

ओरियेंटल बैंक से चल रहा था इंश्योरेंस का केस, कुल 344 मामले हुए निष्पादित गोपालगंज : पिछले 23 सालों से बैंक और पक्षकार के बीच चल रहे पुराने केस का निष्पादन शनिवार को नेशनल लोक अदालत में हुआ. नेशनल लोक अदालत में आने से पक्षकार और बैंक को कोर्ट का चक्कर लगाने से राहत मिल […]

ओरियेंटल बैंक से चल रहा था इंश्योरेंस का केस, कुल 344 मामले हुए निष्पादित

गोपालगंज : पिछले 23 सालों से बैंक और पक्षकार के बीच चल रहे पुराने केस का निष्पादन शनिवार को नेशनल लोक अदालत में हुआ. नेशनल लोक अदालत में आने से पक्षकार और बैंक को कोर्ट का चक्कर लगाने से राहत मिल गयी. पक्षकार के परिजन की मौत के बाद आेरियेंटल बैंक में इंश्योरेंस का केस वर्ष 1994 से चल रहा था.
लोक अदालत में कुल 344 मामले निष्पादित किये गये. इसके पहले जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश मो जफर इमाम मलिक व जिलाधिकारी राहुल कुमार ने दीप प्रज्ज्वलित कर संयुक्त रूप से उद्घाटन किया. लोक अदालत में पहुंचे मुकदमों के निष्पादन के लिए अलग-अलग विभाग वार नौ पीठ बनायी गयी थी. कोर्ट के आपराधिक 37 मामले आपसी समझौता और सुलह के आधार पर किया गया. वहीं बिजली विभाग, बीएसएनएल टेलीफोन सेवा आदि की विभागों के करीब 344 लंबित केस निष्पादित किया गया. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव शोभाकांत मिश्रा ने बताया कि इस नेशनल लोक अदालत में बैंक के कुल 315, बीएसएनएल के 37, माप-तौल विभाग के एक, दुर्घटना के एक और भूमि विवाद से संबंधित दो वादों का निष्पादन किया गया है.
मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के उपाध्यक्ष सह डीएम राहुल कुमार, सचिव सह एडीजे अष्टम शोभाकांत मिश्रा, कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश आनंद किशोर, सीजेएम राम अवध प्रसाद, एसडीएम शैलेश कुमार दास, एसडीपीओ मनोज कुमार, लोक अदालत के स्थायी अधिवक्ता परवेज हसन, अधिवक्ता विपिन बिहारी श्रीवास्तव, अजय कुमार, राजीव कुमार, नगर इंस्पेक्टर बालेश्वर राय आदि मौजूद रहे.
लोक अदालत में सबका सहयोग अहम : जिला जज : गोपालगंज. नेशनल लोक अदालत पूरे देश में आयोजित की गयी है. राष्ट्रीय त्योहार के रूप में इसे मनाया जा रहा है. इसमें सबकी सहयोग की जरूरत है.
उक्त बातें शनिवार को सिविल कोर्ट परिसर में आयोजित नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन करने के बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश मो जफर इमाम मलिक ने कहीं. जिला जज ने कहा कि न्यायालयों में मुकदमों का बोझ अधिक है. ग्राम स्तर पर मुकदमों के निष्पादन के लिए सुविधाएं दी गयी हैं. उन्होंने कहा कि लोक अदालत में हुए फैसलों की किसी भी अदालत में अपील नहीं है. लोक अदालत में न कोई हारता है और न कोई जीतता है. दोनों पक्ष संतुष्ट होते हैं. फैसले को सिविल न्यायालय की डिग्री का रूप दिया जाता है.

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