डेंगू, जेइ व एइएस के लिए हाइ अलर्ट, जांच कर होगा इलाज

स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों को जारी किया अलर्ट गोपालगंज : जानलेवा बीमारी जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेइ), एइएस व डेंगू से बचाव के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग जुट गया है. डेंगू, जेइ/एइएस को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर सभी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है. अप्रैल से अक्तूबर महीने तक अस्पतालों में इन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2017 4:11 AM

स्वास्थ्य विभाग ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों को जारी किया अलर्ट

गोपालगंज : जानलेवा बीमारी जापानी इंसेफ्लाइटिस (जेइ), एइएस व डेंगू से बचाव के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग जुट गया है. डेंगू, जेइ/एइएस को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर सभी अस्पतालों को अलर्ट किया गया है. अप्रैल से अक्तूबर महीने तक अस्पतालों में इन बीमारियों के संदिग्ध मरीजों की जांच करने का आदेश दिया गया है. जेइ के संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए सदर अस्पताल में मुकम्मल व्यवस्था की गयी है. इसके तहत सदर अस्पताल में अलग से जेइ वार्ड, डेंगू वार्ड खोले गये हैं.
डेंगू व जेइ के संदिग्ध मरीजों को इसी वार्ड में भरती कर चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायी जायेगी. अमूमन तौर पर जेइ के मरीज अप्रैल से लेकर अक्तूबर के प्रथम सप्ताह तक मिलते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना ने हिदायत बरतने का निर्देश जिला स्वास्थ्य विभाग को देते हुए ठोस कदम उठाने को कहा है. इस आदेश के आलोक में जिला स्वास्थ्य विभाग ठोस कदम उठाते हुए उक्त व्यवस्था करने में लगा है. इस बीमारी की रोकथाम व बच्चों को इस बीमारी से बचाव के लिए सभी प्रभारियों व उपाधीक्षकों को सजगता बरतने को कहा गया है.
बीमारी के लक्षण
तेज बुखार आना एवं लगातार बुखार को बने रहना.
शरीर में चमकी होना
दांत पर दांत बैठना
पूरे शरीर या किसी खास अंग में ऐंठन होना
बच्चे का सुस्त होना
चिंउटी काटने पर शरीर में कोई हरकत नहीं होना
बीमारी से बचाव
बिस्तर पर मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए
पूरे शरीर को ढकनेवाले कपड़े पहनें
गरमी के दिनों में बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाना चाहिए
जूठे फल नहीं खाना चाहिए
आशा को घर-घर लेनी होगी रिपोर्ट
डेंगू, जेइ/एइएस को लेकर अक्तूबर तक आशा कर्मियों को अलर्ट रहना है. स्वास्थ्य विभाग ने आशा कर्मियों को घर-घर संबंधित रोग के संदिग्ध मरीजों की जानकारी लेकर सूचना देने का निर्देश दिया गया है. आशा की रिपोर्ट पर संबंधित पीएचसी के चिकित्सा प्रभारी को मरीज की प्राइमरी जांच करनी होगी.
जिला मलेरिया विभाग में खुला नियंत्रण कक्ष : अप्रैल से अक्तूबर के प्रथम सप्ताह तक जेइ के मरीज मिलते हैं. इसको ध्यान में रखते हुए जिला मलेरिया पदाधिकारी को जिला नियंत्रण कक्ष खोलने का निर्देश दिया है. इस नियंत्रण कक्ष में एक कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति की गयी है.
शहर में नप ने करायी फॉगिंग
मच्छरों के प्रकोप को देखते हुए नगर पर्षद ने शहर में फॉगिंग का कार्य शुरू कर दिया है. शहर की मुख्य सड़कों से लेकर वार्ड की गलियों तक फॉगिंग करायी जा रही है. फॉगिंग से डेंगू का प्रकोप बढ़ने से रोका जा सकता है. हालांकि इस वर्ष डेंगू का अबतक एक भी केस नहीं मिला है.
निबटने को स्वास्थ्य विभाग तैयार : डीएमओ
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ चंद्रिका साह ने कहा कि डेंगू,जेइ/एइएस से निबटने के लिए विभाग तैयार है. सदर अस्पताल में इसके लिए अलग वार्ड बनाया गया है. डेंगू का लार्वा जहां-जहां मिलेगा, वहां फॉगिंग करायी जायेगी. सभी प्रभारियों को अलर्ट कर दिया गया है.

Next Article

Exit mobile version