बैंकों की लाचारी ग्राहकों पर पड़ी भारी
नन होम ब्रांच के ग्राहकों को रुपये देने से मना िकया गोपालगंज : लग्न में लोगों को शादी-विवाह के लिए धन का जुगाड़ करने को भटकना पड़ रहा है. नकदी की किल्लत के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में नन होम ब्रांच के ग्राहकों को रुपये देने से साफ मना कर दिया जा रहा है. अपने खाताधारकों […]
नन होम ब्रांच के ग्राहकों को रुपये देने से मना िकया
गोपालगंज : लग्न में लोगों को शादी-विवाह के लिए धन का जुगाड़ करने को भटकना पड़ रहा है. नकदी की किल्लत के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में नन होम ब्रांच के ग्राहकों को रुपये देने से साफ मना कर दिया जा रहा है. अपने खाताधारकों को भी कभी पांच तो कभी दस हजार का भुगतान कर रहे हैं. यह संकट अभी तक केवल एसबीआइ, पीएनबी व सेंट्रल बैंक में ही था, लेकिन अब इसका विस्तार सभी बैंकों में हो गया है. ग्रामीण बैंक की ज्यादातर शाखाएं ग्रामीण क्षेत्रों में हैं,
अब बैंक के पास नकदी खत्म हो गयी है. शुक्रवार को अनेक ग्रामीण शाखाओं से कहीं पांच-पांच हजार तो कहीं चार-चार हजार रुपये बांटे गये. शहर की शाखाओं में जैसे-तैसे काम चला. एसबीआइ की मुख्य शाखा में शुक्रवार को भी नन होम ब्रांच के खाताधारकों को 25-25 हजार रुपये ही दिये गये, जबकि अपने खाताधारकों को जरूरत के मुताबिक रुपये प्रदान किये गये. बहुत सारे लोग जो देश के अन्य प्रदेशों या जिलों में कार्य करते हैं, शादी-विवाह में घर आए हुए हैं,
वे यहां के खाताधारक नहीं हैं, इसलिए उनके लिए बैंक से रुपये निकाल पाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. एसबीआइ मुख्य शाखा तो 25 हजार दे रही है, अन्य शाखाएं साफ मना कर दे रही हैं. इसके अलावा स्टेट बैंक मुख्य शाखा, सेंट्रल बैंक की करेंसी चेस्ट में कैश नहीं है. शाखाओं व अन्य महत्वपूर्ण शाखाएं बाजार से रुपये का इंतजाम कर उपभोक्ताओं को संतुष्ट कर रही हैं.
आरबीआइ से नहीं मिली नोटों की खेप : महीनों बाद आरबीआइ ने रुपये भेजे भी तो ऊंट के मुंह में जीरा. गोपालगंज के बैंकों की मांग 800 करोड़ रुपये की है और शुक्रवार को आरबीआइ से मात्र सौ करोड़ रुपये मिले हैं. कैश की किल्लत बनी हुई है. अगले सप्ताह भी परेशानी बरकरार रहने की संभावना बनी हुई है.
सिक्के बने बैंकों की मुसीबत : नोटबंदी के दौरान ग्रामीण बैंक ने रुपये के अभाव में अपने जिन ग्राहकों को सिक्के थमाये थे, बाद के दिनों में स्थिति सुधरने पर ग्राहकों ने वे सिक्के अपने खाते में जमा कर दिये. अब कोई ग्राहक सिक्कों को ले नहीं रहा है, लिहाजा बैंक की सभी शाखाओं में कई बोरी सिक्के एक के ऊपर एक करके रखे गये हैं.
ज्यादातर एटीएम खाली : डाकघर चौक पर एक्सिस बैंक की सिर्फ एक एटीएम से ही कैश निकल रहा था. एसबीआइ, पीएनबी, यूनियन बैंक आॅफ इंडिया, बैंक आॅफ इंडिया समेत कई बैंकों की एटीएम कैश देने में असमर्थ रहीं. इलाहाबाद बैंक, एचडीएफसी, अइसीआइसीआइ, देना बैंक, बैंक ऑफ काॅमर्स आदि की एटीएम भी बंद हैं.
एसबीआइ की मात्र एक एटीएम काम कर रही थी. लंबी लाइन लगी थी. इसी बीच दोपहर एक बजे एटीएम खराब हो गयी. लाइन तब भी लगी रही. एक घंटा उसे बनाने में लगा. इसके बाद निकासी शुरू हुई. इसके अलावा पीएनबी व एसबीआइ का रिसाइक्लर चल रहा था. चकिया के दुर्गेश तिवारी व मीरगंज के देव कुमार शुक्ल रुपये निकालने के लिए स्टेट बैंक की एटीएम पहुंचे थे.
कैशलेस पर आरबीआइ का जोर
आरबीआइ का जोर कैशलेस प्रणाली को बेहतर बनाने की है. आरबीआइ चाहता है कि लोग कैश लेकर नहीं चलें. बैंक एकाउंट के जरिये चेकबुक, एटीएम और इ-बैंकिंग पर जोर दिया जा रहा है.
कैशलेस के कारण कैश की सप्लाइ डिमांड के अनुरूप नहीं मिल पा रही है. लगातार पत्राचार किया जा रहा है. उम्मीद है कि जल्दी ही व्यवस्था में सुधार होगा.
अनिल कुमार, प्रबंधक, लीड बैंक, गोपालगंज