सपने को मिली नयी उड़ान

थावे : मंगलवार को दिन के एक बजे हैं. थावे स्टेशन पर लोगों की भीड़ है. रेल पटरी पर फूलों से सजी ट्रेन खड़ी है. सबके चेहरे पर उत्साह और उमंग है. धीरे-धीरे गण्यमान्य लोगों का काफिला ट्रेन को हरी झंडी दिखाता है और उपस्थित लोगों के चहरे पर मुस्कान थिरक उठती है. यह नजारा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2017 6:35 AM
थावे : मंगलवार को दिन के एक बजे हैं. थावे स्टेशन पर लोगों की भीड़ है. रेल पटरी पर फूलों से सजी ट्रेन खड़ी है. सबके चेहरे पर उत्साह और उमंग है. धीरे-धीरे गण्यमान्य लोगों का काफिला ट्रेन को हरी झंडी दिखाता है और उपस्थित लोगों के चहरे पर मुस्कान थिरक उठती है.
यह नजारा था मंगलवार को थावे स्टेशन पर. यातायात खास कर रेल की दुनिया में यह दिन जिलवासियों के लिए एक नया इतिहास रच गया. उत्साह और खुशियों का यह नजारा अकेले थावे स्टेशन पर ही नहीं बल्कि जिले के पूर्वांचल के सभी स्टेशनों पर रहा. पलकें बिछाये लोग इस नयी सौगात का इंतजार कर रहे थे. इनका इंतजार पूरा भी हुआ.
ठीक दो वर्ष बाद थावे-छपरा रेलखंड पर दोबारा ट्रेन दौड़ी. अंतर यह था कि इस बार आमान परिवर्तन के बाद जिलावासियों की बड़ी लाइन की उम्मीदें पूरी हो गयीं. ठीक दो वर्ष पहले आमान परिवर्तन के लिए इस रेलखंड पर परिचालन बंद हो गया था. निर्धारित समय के अनुसार फूलों से सजी विशेष सवारी गाड़ी गण्यमान्य लोगों के द्वारा हरी झंडी दिखाने के साथ ही रवाना हुई, तो कई लोग सफर के लिये चल पड़े, तो कई लोग तालियां बजाते रहे.
वीरान पड़े स्टेशनों पर छायी रौनक: थावे-मशरक रेल खंड के उद्घाटन और ट्रेनों के परिचालन की खबर सुन पूर्वांचल के विभिन्न स्टेशनों पर रौनक छा गयी. विगत दो वर्षों से ये स्टेशन वीरान पड़े हुए थे.
मांझा स्टेशन हो या रतनसराय, सिधवलिया हो या बैकुंठपुर, राजापट‍्टी तक लोग खुशियों से उछल रहे थे. वर्षों पहले यहां दुकानदारी करनेवाले दुकानदार इस उम्मीद में थिरक रहे थे कि उनका बंद पड़ा व्यवसाय अब चल पड़ेगा. सबकी नजरें विशेष सवारी गाड़ी का इंतजार करती रहीं. ज्यों-ज्यों विशेष सवारी गाड़ी स्टेशन पर पहुंचती गयी, लोगों ने न सिर्फ खुशियों का इजहार किया, बल्कि उनकी उम्मीदों को पंख भी लगती गयी.

Next Article

Exit mobile version