गवाह की हत्या करने आये तीन शूटर िकये गये गिरफ्तार
मांझा थाने के पथरा में ग्रामीणों ने बदमाशों को पीटा, पुलिस को सौंपा बचाव के दौरान अपराधियों ने की फायरिंग, लहराया हथियार मांझा : मांझा थाना क्षेत्र के पथरा गांव में गवाह की हत्या करने आये तीन शूटरों को ग्रामीणों ने दबोच लिया. ग्रामीणों ने पकड़े गये बदमाशों की जम कर पिटाई की और पुलिस […]
मांझा थाने के पथरा में ग्रामीणों ने बदमाशों को पीटा, पुलिस को सौंपा
बचाव के दौरान अपराधियों ने की फायरिंग, लहराया हथियार
मांझा : मांझा थाना क्षेत्र के पथरा गांव में गवाह की हत्या करने आये तीन शूटरों को ग्रामीणों ने दबोच लिया. ग्रामीणों ने पकड़े गये बदमाशों की जम कर पिटाई की और पुलिस को सौंप दिया. पुलिस ने तीनों अपराधियों को अपने कब्जे में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. गिरफ्तार तीनों अपराधी सीवान जिले के निवासी बताये गये हैं.
इनकी गिरफ्तारी के बाद पीड़ित परिजनों ने सुरक्षा की मांग की है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मंगलवार की दोपहर में जुबैर अहमद अपने घर से निकला था. इसी बीच अपाची बाइक पर सवार तीन शूटर रेकी करने लगे. जुबैर को इसकी भनक लग गयी और उसने शोर मचाना शुरू कर दिया. आसपास के ग्रामीणों ने अपराधियों के पहुंचने की भनक मिलते ही चारों तरफ से घेर लिया. बचाव में भागने के दौरान अपराधियों ने फायरिंग की. हालांकि फायरिंग से कोई हताहत नहीं हुआ. आक्रोशित ग्रामीणों ने सीवान जिले के मकसूदन सराय गांव के निवासी सोनू आलम, सेराज आलम व अखलाक अहमद को दौड़ा कर पकड़ लिया. पुलिस ने एक पिस्तौल व बाइक के साथ तीनों अपराधियों को हिरासत में लेकर थाना लायी. थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद का कहना है कि पुलिस पकड़े गये युवकों से पूछताछ कर रही है. मामले में प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जायेगी.
जुबैर पर 16 अप्रैल को भी हुआ था हमला
पथरा गांव के जुबैर अहमद पर गत 16 अप्रैल को अपराधियों ने दुकान आने के दौरान गोली मार दी थी. वारदात को अंजाम देकर भाग रहे एक शूटर को ग्रामीणों ने दबोच लिया था. पकड़ा गया शूटर सीवान जिले के दुरौंधा थाना क्षेत्र का निवासी था. पुलिस ने घायल शूटर व जुबैर को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भरती कराया था. वहीं, दो तीन अपराधी वारदात को अंजाम देकर भाग निकले थे.
इमामुल की हुई थी गोली मार कर हत्या : मांझा थाना क्षेत्र के पथरा गांव में जुबैर के भाई इमामुल की गोली मार कर हत्या एक अगस्त, 2015 में की गयी थी. हत्या में एकमात्र चश्मदीद गवाह जुबैर है. इसको लेकर अपराधियों ने कई बार केस उठाने के लिए दबाव बनाया. केस नहीं उठाने पर हत्या के लिए साजिश रची गयी. इसको लेकर एक माह में दो बार हमले किये जा चुके हैं.