न बने पक्के मकान, न गुमटियों से मिली निजात

शहर को सुंदर बनाने की खातिर 2016 में बनी थी योजना फुटपाथी दुकानदारों के सपने रह गये अधूरे गोपालगंज : ठीक एक वर्ष पहले गुमटी में दुकान चला रहे दुकानदारों में उम्मीद जगी थी कि अब उनकी दुकान पक्के भवन में होगी, लेकिन एक वर्ष बाद उनका सपना बिखर कर रह गया है. न तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 18, 2017 4:05 AM

शहर को सुंदर बनाने की खातिर 2016 में बनी थी योजना

फुटपाथी दुकानदारों के सपने रह गये अधूरे
गोपालगंज : ठीक एक वर्ष पहले गुमटी में दुकान चला रहे दुकानदारों में उम्मीद जगी थी कि अब उनकी दुकान पक्के भवन में होगी, लेकिन एक वर्ष बाद उनका सपना बिखर कर रह गया है. न तो दुकान के लिए पक्के मकान बने और न तो गुमटियों से निजात मिली. हॉस्पिटल रोड सहित शहर के सड़क किनारे नगर पर्षद की जमीन में दुकानदारों को गुमटियां अलॉट हैं, जहां ये चाय, पान, फल सहित अन्य दुकान चलाते हैं. वर्ष 2016 में नगर पर्षद ने गुमटियों को हटा कर पक्के मकान बनाने की योजना बनायी. पैमाइश भी करा ली गयी. तब सौ दुकानों काे पक्का करने की योजना थी. समय बीतने के साथ इस पर ग्रहण लग गया.
ये दुकानदार आज भी अपनी दुकान को पक्का होने की आस लगाये बैठे हैं.
वेंडर पुनर्वास योजना का मामला भी खटाई में : शहर के फुटपाथी दुकानदारों के लिए वर्ष 2015 में वेंडर पुनर्वास योजना की शुरुआत की गयी. इसके लिए वेंडर जोन बनाया गया. सर्वे का कार्य पूरा हो गया. योजना के अनुरूप शहर को अतिक्रमण मुक्त करते हुए फुटपाथी दुकानदारों को पुनर्वास योजना के तहत उनके व्यवसाय के अनुरूप पक्का मकान बनवा कर शिफ्ट करना था, लेकिन यह भी योजना अधूरी रह गयी.
फुटपाथी दुकानदार
कुल वार्ड– -28
फुटपाथी दुकानदारों की संख्या–-15 सौ लगभग
नप की गुमटी में दुकान चलाने वाले दुकानदारों की संख्या-–125 लगभग
गुमटी को पक्का भवन बनाने की योजना–- 100
कार्य की स्थिति-– शून्य
क्या कहता है नगर पर्षद
गुमटी को पक्का करने संबंधी अभी कोई योजना नहीं है. वेंडर पुनर्वास योजना के तहत व्यवस्था करायी जायेगी.
ज्योति कुमार श्रीवास्तव, कार्य. पदा. नप गोपालगंज

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