गोपालगंज. व्यवहार न्यायालय के अपर मुख्य न्यायाधीश प्रथम के कोर्ट ने अपहरण मामले में नामजद लोगों को जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषमुक्त किया है. साथ ही हुए केस के सूचक पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. वहीं दोषमुक्त पाये गये अनूप मिश्रा को कोर्ट से बरी होने पर इंसाफ मिला. दरअसल कुचायकोट थाना क्षेत्र के सीरिसिया गांव निवासी अनूप मिश्रा समेत उनके परिवार के लोगों के खिलाफ वर्ष 2022 में वृति टोला गांव निवासी भूटन मिश्रा द्वारा अपनी बेटी के अपहरण का मामला दर्ज करवाया गया था. इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा. इस दौरान केस के अनुसंधानकर्ता ने जांच रिपोर्ट में घटना को असत्य पाते हुए वादी के खिलाफ धारा-182 एवं 211 भादवि के तहत कार्रवाई करने के लिए 5 दिसंबर 2023 को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किया. जांचकर्ता ने कोर्ट में प्रस्तुत जांच रिपोर्ट में कहा गया कि भूटन मिश्रा द्वारा एक काल्पनिक और मनगढ़ंत घटना बनाकर सिरिसिया गांव निवासी तीन लोगों को नामजद आरोपित बनाया था. जांच में यह मामला झूठा निकला. कोर्ट ने सभी गवाहों की बात सुनी और प्राप्त जांच रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी की घटना को पूर्णत: असत्य एवं सच्चाई से परे बताया है. कोर्ट ने उपरोक्त तथ्यों एवं परिस्थितियों में अनुसंधानकर्ता की ओर से आरोप पत्र को प्रथम दृष्टया सत्य मानते हुए आरोप पत्र को स्वीकृत किया एवं अनुसंधानकर्ता द्वारा सूचक के खिलाफ धारा-182 एवं 211 भादंवि के तहत कार्रवाई करने की अनुशंसा को अनुमति प्रदान की गयी. अपराध के लिए संज्ञान लेते हुए वादी भूटन मिश्रा के विरुद्ध समन निर्गत कर न्यायालय के समक्ष उपस्थित होने का आदेश निर्गत किया गया. पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता उत्सव श्रीवास्तव ने बताया कि न्यायालय ने अनूप मिश्रा व उनके परिवार को दोषमुक्त कर दिया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है