गोपालगंज. असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रदेश सचिव अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया की गोली मारकर हुई हत्या में पुलिस चार महीने बाद भी फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं कर सकी. मंगलवार को नगर थाने की पुलिस ने चौराव पंचायत के फरार मुखिया परवेज आलम उर्फ छोटे मुखिया और उसके भतीजा आरिफ उर्फ सोना के घर पर इश्तेहार चिपकाया है. निर्धारित समय सीमा के अंदर सरेंडर नहीं किये जाने पर कुर्की की कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. इश्तेहार की कार्रवाई से पहले बीते 18 मई को छह नामजद अभियुक्तों की जमानत याचिका खारिज हो गयी थी. जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने सभी आरोपितों की जमानत याचिका खारिज की थी. इनमें चौराव पंचायत के मुखिया परवेज आलम उर्फ छोटे मुखिया, मोहम्मद अदूद, फिरोज, लालबाबू सहित छह अभियुक्त शामिल हैं. हत्या में नामजद अभियुक्तों की जमानत याचिका खारिज होने के बाद अब इन्होंने हाइकोर्ट में शरण ली है. इधर, पुलिस ने इश्तेहार चिपकाते हुए फरार मुखिया पर दबिश बढ़ानी शुरू कर दी है. नगर थाने की पुलिस ने जेल में बंद चार नामजद अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट सौंप दी है. नगर थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर ओमप्रकाश चौहान ने बताया कि जेल में बंद हत्या के मामले में सभी चार नामजद अभियुक्तों के विरुद्ध निर्धारित समय पर चार्जशीट सौंप दी गयी है. पुलिस ने हत्या के मामले में सभी अभियुक्तों पर चार्ज फ्रेम किया है. फरार मुखिया और उसके भाई लालबाबू समेत अन्य अभियुक्तों को सरेंडर करने का ही एकमात्र मौका बचा है. नगर थाना क्षेत्र के तुरकहा में बीते 12 फरवरी की शाम बाइक सवार अपराधियों ने एआइएमआइएम के प्रदेश सचिव अब्दुल सलाम उर्फ असलम मुखिया की गोली मारकर हत्या कर दी थी. तकिया याकूब निवासी मृतक के बेटे अनस सलाम के बयान पर सात नामजद और अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. अब भी तीन नामजद अभियुक्त और शूटर फरार हैं. छह अभियुक्तों को पुलिस जेल भेज चुकी है. इनमें नगर थाना क्षेत्र के तकिया याकूब गांव के रहनेवाले फिरोज आलम, मोहम्मद अद्द, मोहम्मद शकुर व हथियार सप्लायर मोहम्मद फैसल उर्फ तौफिक और लाइनर मीरगंज थाने के साहेबचक निवासी दीपक उपाध्याय व सद्दाम शामिल पाये गये.
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