शक्ति के 48 सूत्र किताब पढ़ने के बाद करोड़पति बनने के लिए भागे तीनों छात्र
कोचिंग पढ़ने गये तीन छात्र सोमवार की सुबह से लापता हैं. छात्रों की जांच में जुटी पुलिस के सामने कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं. छात्रों के घर से उनके मोबाइल व लैपटॉप के जरिये उसके डिलिटेड डेटा को एक्सेस करने में पुलिस की आइटी टीम सफल रही है.
कुचायकोट. कोचिंग पढ़ने गये तीन छात्र सोमवार की सुबह से लापता हैं. छात्रों की जांच में जुटी पुलिस के सामने कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं. छात्रों के घर से उनके मोबाइल व लैपटॉप के जरिये उसके डिलिटेड डेटा को एक्सेस करने में पुलिस की आइटी टीम सफल रही है. पुलिस सूत्रों की मानें, तो छात्रों ने दो माह पूर्व विदेशी रॉबर्ट ग्रीन की लिखी किताब शक्ति के 48 सूत्र, दुनिया पर राज कैसे करें को ऑनलाइन मंगाया. किताब का अध्ययन कर बजाप्ता रूट चार्ट बनाने के बाद सोमवार को घर से कोचिंग के बहाने निकले. उसके बाद रात के नौ बजे जलालपुर स्टेशन से लखनऊ जाने वाली गोमतीनगर एक्सप्रेस से गये. वहां से कोटा और फिर बाद में भोपाल का लोकेशन मिला. उसके बाद पुलिस की टीम भोपाल से लेकर कोटा तक के पुलिस अफसरों को तस्वीर को भेजकर सहयोग मांगा है. किताब के सूत्र को पढ़ने के बाद उसके ही हिसाब से गायब होने की उम्मीद पुलिस को है. किताब का सूत्र करोड़पति बनने के लिए परिवार से भी अपने प्लान को छिपाया. जो प्लान आप बना रहे, वह बिल्कुल सीक्रेट हो. आप कम बोलो. प्लान पर काम करो. जैसे सूत्र को अपना कर छात्रों के लापता होने की बात सामने आयी है. छात्रों ने अपने योजना को इतना गोपनीय रखा कि परिजनों तक को कोई जानकारी नहीं मिली. तीनों आपस में काफी करीबी दोस्त थे. छात्रों के लापता होने के बाद परिजनों में भय का माहौल आज भी कायम है. एसडीपीओ प्रांजल के द्वारा लगातार पुलिस की जांच की मॉनीटरिंग करने में जुटे हैं. एसडीपीओ ने कुचायकोट थाने में पहुंचकर कांड की समीक्षा भी की. इतना ही नहीं लोजपा के जिलाध्यक्ष सुधांशु मिश्र, अंशु मिश्र समेत कई लोग पुलिस की जांच में सहयोग करने में जुटे रहे. करमैनी गाजी गांव के रहने वाले संजय खरवार का पुत्र आदर्श कुमार, नागेंद्र खरवार का पुत्र दीपांशु कुमार, हथुआ थाने के मटिहानी गांव के रहने वाले पिंटू पांडेय का पुत्र अनिक कुमार पांडेय, जाे करमैनी में अपने मामा बृजेश पांडेय तीनों एक साथ सोमवार को जलालपुर में कोचिंग पढ़ने गये थे. जब टाइम से वापस नहीं लौटे, तो परिजनों को लगा कि तीनों आपस में दोस्त मठिया में लगने वाले मेला को देखने चले गये हैं. देर शाम तक नहीं आये तो खोजबीन में जुट गये. चारों तरफ ढूंढ़ने के बाद जब कोई ट्रेस नहीं मिला, तो अयोध्या जाकर खोजा गया. चारों तरफ से थक-हार कर थाने को तहरीर दी गयी.
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