सीएमआर जमा नहीं करने पर क्रय केंद्रों पर होगी एफआइआर, बीसीओ पर कार्रवाई

धान खरीद में झोल साफ होने लगा है. तमाम सख्ती के बाद भी धन क्रय केंद्र एसएफसी को चावल की आपूर्ति नहीं कर पा रहे. जिले के 180 क्रय केंद्रों में से 52 क्रय केंद्रों के पास 74.09 लॉट चावल फंसा हुआ है. राज्य खाद्य निगम की ओर से अंतिम मौका देते हुए 20 जुलाई तक का अंतिम मौका दिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 17, 2024 9:50 PM

गोपालगंज. धान खरीद में झोल साफ होने लगा है. तमाम सख्ती के बाद भी धन क्रय केंद्र एसएफसी को चावल की आपूर्ति नहीं कर पा रहे. जिले के 180 क्रय केंद्रों में से 52 क्रय केंद्रों के पास 74.09 लॉट चावल फंसा हुआ है. राज्य खाद्य निगम की ओर से अंतिम मौका देते हुए 20 जुलाई तक का अंतिम मौका दिया है. सहकारिता विभाग टेंशन में आ गया है. उधर, सारण के संयुक्त निबंधक सहयोग समितियां सैयद मसरूख आलम ने डीसीओ को पत्र भेजकर सीएमआर जमा नहीं करने वाले क्रय केंद्र, राइस मिल पर एफआइआर करें तथा हथुआ, कुचायकोट, भोरे व फुलवरिया बीसीओ पर कड़ा एक्शन लेने का आदेश दिया है. समीक्षा प्रतिवेदन के आधार पर चारों प्रखंडों के बीसीओ की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं. जेआर ने कहा है कि धान की खरीदारी के समय जब बीसीओ ने क्रय केंद्रों के स्टाॅक का सत्यापन कर रिपोर्ट समिट की तो अब स्टाॅक से धान कहां गायब हो गया. उन पर प्रपत्र क का गठन करें. जेआर के इस आदेश के बाद तीन दिनों में सीएमआर गिरना बड़ी चुनौती बन गया है. धान क्रय केंद्रों के पास अगर किसानों से धान 15 फरवरी तक की खरीदा गया तो आखिर पांच महीने तक राइस मिलों के पास तक धान क्यों नहीं पहुंच पाया. अगर राइस मिलों को धान उपलब्घ करा दिया गया है, तो राइस मिलें क्यों नहीं चावल तैयार कर एसएफसी को आपूर्ति कर रही हैं.

बाजार में चावल महंगा होने से फंसा पेच

धान खरीद से जुड़े जानकार ने बताया कि क्रय केंद्रों ने किसानों के पास जो धान था उसे तो खरीद लिया. उसमें कुछ क्रय केंद्रों ने किसानों के बदले अपने संगे-संबंधियों, करीबियों के नाम पर कागज में खरीद लिया. उसे बीसीओ से सत्यापित भी करा लिये. कागज में ही राइस मिलों से चावल तैयार करा कर एसएफसी को यूपी के बाजार से चावल खरीद कर आपूर्ति कर देना था. कुछ सेटिंग पर यूपी के एफसीआइ के गोदाम से चावल लेकर आपूर्ति कर ली. इस वर्ष यूपी के बाजार में चावल काफी महंगा हो गया है. अब एक क्विंटल चावल लेते हैं, तो 80 से 150 रुपये का अंतर आ रहा है. धान क्रय केंद्रों को एक लॉट चावल 29 एमटी के लिए नौ लाख का सीसी दी सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की ओर से दिया गया है. 52 केंद्रों के पास लगभग बैंक के नौ करोड़ की सीसी ऋण राशि फंसी हुई है. चावल एसएफसी में जमा होने के बाद ही बैंक को सीसी की राशि लौट सकेगी. क्रय केंद्रों के पास सीसी की राशि के फंसने से बैंक भी टेंशन में है.

क्रय केंद्रों को अंतिम मौका : डीसीओ

जिला सहकारिता पदाधिकारी गेनधारी पासवान ने बताया कि पिछले दो दिनों में कई क्रय केंद्रों के द्वारा चावल गिराया गया है. तीन दिनों में जो लोग चावल नहीं जमा करायेंगे उन पर प्राथमिकी दर्ज कर उनको ब्लैक लिस्टेड भी किया जायेगा.

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