गोपालगंज. व्यवहार न्यायालय परिसर में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सुलह व समझौते के आधार पर 2897 मामलों का निष्पादन हुआ. इन मामलों में कुल पांच करोड़ 31 लाख 53 हजार 253 रुपये का समझौता हुआ. कुल निष्पादित मामलों में सबसे अधिक 1743 केवल विभिन्न न्यायालयों के सुलहनीय वाद थे. दूसरे स्थान पर बैंक रिकवरी से संबंधित मामले थे. इस तरह के कुल 1009 मामलों का निष्पादन किया गया. बताया जाता है कि लोक अदालत में कुल 25732 मामले लिये गये थे. इनमें से 2897 का निष्पादन हो सका. अधिक-से-अधिक मामलों के निष्पादन को लेकर कुल 12 पीठों का गठन किया गया था. इससे पूर्व न्यायालय के नये भवन के ग्राउंड फ्लोर पर आयोजित लोक अदालत का उद्घाटन जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरविंदर सिंह मल्होत्रा, प्रिंसिपल जज धीरेंद्र बहादुर सिंह, डीएम मकसूद आलम, प्राधिकार के सचिव अनूप कुमार उपाध्याय, एसडीपीओ सदर, विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष धीरेंद्र कुमार मिश्र तथा महासचिव मनोज कुमार मिश्र द्वारा दीप जलाकर किया गया. उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जिला जज ने आपसी समझौते के आधार पर अधिक-से-अधिक वादों का निबटारा कराने की अपील की. कहा कि लोक अदालत का उद्देश्य लोगों को सस्ता और सुलभ न्याय तुरंत दिलवाना है. लोक अदालत अपने उद्देश्यों में तभी सफल होगा जब समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों का सहयोग मिले. समारोह के बाद गठित की गयी पीठों के माध्यम से लंबित वादों के निष्पादन की कार्रवाई शुरू की गयी. पूरे दिन चले इस लोक अदालत के दौरान सबसे अधिक विभिन्न न्यायालयों के सुलहनीय आपराधिक वादों की संख्या 2897 बैंक रिकवरी से संबंधित 1009 मामलों का निष्पादन हुआ. मौके पर तमाम न्यायिक पदाधिकारियों के अलावा जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी, विभिन्न बैंकों के प्रबंधक, अधिवक्ता व सैकड़ों की संख्या में पक्षकार मौजूद रहे.
बैंक रिकवरी से
जुड़े 22600 मामलों में से 1009 का निबटारा
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में बैंक रिकवरी से जुड़े कुल 22600 मामले आये थे. इनमें से मात्र 1009 मामलों का आपसी सुलह व समझौते के आधार पर निबटारा हुआ. निष्पादित किये गये इन मामलों में चार करोड़ 88 लाख 06 हजार 12 रुपये की राशि पर समझौता किया गया.कोर्ट के कुल 2897 मामलों का हुआ निष्पादन
लोक अदालत में केवल कोर्ट से संबंधित ही 2897 मामलों का निष्पादन किया गया. इसके अलावा बिजली बिल, महिला हेल्प लाइन, नगर परिषद और डीटीओ के तथा वैवाहिक वाद के 77 मामलों का भी निष्पादन हुआ.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है