मृतकों से मजदूरी कराने के मामले में पंचायत रोजगार सेवक की अग्रिम जमानत नामंजूर
मृतकों से मजदूरी कराने के आरोपित पंचायत रोजगार सेवक अग्रिम जमानत याचिका को अपर जिला और सत्र न्यायाधीश -10 मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट ने खारिज कर दिया.
गोपालगंज. मृतकों से मजदूरी कराने के आरोपित पंचायत रोजगार सेवक अग्रिम जमानत याचिका को अपर जिला और सत्र न्यायाधीश -10 मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट ने खारिज कर दिया. कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका पर विस्तार से सुनवाई करने के बाद बेल देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में जमानत देना उचित प्रतीत नहीं होता. यह सरकारी राशि के गबन का मामला है. मतेया खास पंचायत मेंबलिराम भगत की मृत्यु 10 वर्ष पूर्व ही हो चुकी है. परंतु वे मनरेगा में काम किया है एवं पारिश्रमिक ली. कई मृतक एवं विदेश में रहने वाले लोगों को मजदूर बनाकर उनके नाम से पैसा निकाल लिया गया था. कुचायकोट थाने में मनरेगा के पीओ के द्वारा प्राथमिक दर्ज करायी गयी थी. आरोपित पंचायत रोजगार सेवक सुभाष पासवान एवं तत्कालीन मुखिया रामेश्वर यादव को अभियुक्त बनाया गया था. मामले में पंचायत रोजगार सेवक सुभाष पासवान के द्वारा अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की गयी थी. मालूम हो कि प्रखंड कुचायकोट के ग्राम पंचायत राज मतेया खास में मनरेगा योजनांतर्गत कार्यान्वित योजनाओं में छद्म तरीके से षड्यंत्र करते हुए निकासी किये गये कुल 167442.00 निकालने का आरोप भाजपा नेता शिवकुमार उपाध्याय की लिखित शिकायत और जांच में पकड़ा गया था. संयुक्त जांच में पाया गया था कि रोजगार सेवक सुभाष पासवान के लिखित प्रतिवेदन एवं मास्टर रौल की गणना एवं पंचायत राज मतेया खास में मृत व्यक्तियों, विदेश में षड्यंत्र करते हुए मनरेगा योजनांतर्गत काम कर रहे व्यक्तियों नौकरी करें रहे एवं बिना काम किये व्यक्तियों का नाम मास्टर रौल में दर्ज कर कुल 1.67 लाख चार सौ 42 रुपये सरकारी राशि की निकासी एवं दुरुपयोग किया गया था.
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