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Gopalganj News : यूपी बॉर्डर से बंगरा घाट तक सारण तटबंध को टू लेन सड़क बनाने की मंजूरी

यूपी बॉर्डर से बंगरा घाट तक सारण तटबंध पर टू लेन सड़क बनाने की मंजूरी बिहार सरकार के कैबिनेट ने दे दी है. यह जिले के दियारा इलाके के स्वरूप को बदलने में बड़ा कदम माना जा रहा है. सारण तटबंध पर बंगरा घाट से लेकर सरफरा तक 40 किमी में 10769.10 लाख रुपये खर्च कर काम शुरू हो चुका है.

संजय कुमार अभय, गोपालगंजयूपी बॉर्डर से बंगरा घाट तक सारण तटबंध पर टू लेन सड़क बनाने की मंजूरी बिहार सरकार के कैबिनेट ने दे दी है. यह जिले के दियारा इलाके के स्वरूप को बदलने में बड़ा कदम माना जा रहा है. सारण तटबंध पर बंगरा घाट से लेकर सरफरा तक 40 किमी में 10769.10 लाख रुपये खर्च कर काम शुरू हो चुका है. अब शेष 32 किमी के साथ-साथ जिले की 15 छरकियों को 85 किमी तक सड़क बनाने के साथ ही छरकियों पर उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण, सुरक्षात्मक कार्य तथा शीर्ष पर काली करण कार्य के लिए 351 करोड़ 51 लाख रुपये की मंजूरी मिली है. इससे गंडक नदी के दियारा इलाका के लगभग 165 गांव सीधे सड़क से जुड़ जायेंगे. छरकियों के साथ सारण की तटबंध पर सड़क बनने से पर्यटकों को भी आकर्षित करेगा.

सड़क बनने से पटना जाने वालों को सहूलियत

यूपी के सिसवा से बंगरा घाट तक सड़क के निर्माण होने से पटना जाने वालों को भी काफी आसान हो जायेगा. इसपर कोई रेलवे ट्रैक या टोल नहीं होगा. सोनपुर तक बांध के रास्ते जाना काफी आसान होगा. इतना ही नहीं बाढ़ के दिनों में बचाव कार्य, सामग्री भी स्पॉट तक पहुंचाना काफी आसान होगा. दियारा के लोग एक सड़क के लिए तरसते थे उनके लिए यह सड़क वरदान से कम नहीं होगा. वाहनों के परिचालन होने से शहरों की कनेक्टिविटी बढ़ जायेगी. आसानी से दियारा में तैयार होने वाले उत्पाद भी शहर तक पहुंचेगा. इसका लाभ सीधा किसानों को होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर मिले इस प्रोजेक्ट से दियारा के लोगों में खुशी का माहौल व्याप्त है.

प्रगति यात्रा में डीएम ने प्रमुखता से रखा था प्रोजेक्ट

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चार जनवरी को गोपालगंज में प्रगति यात्रा के लिए पहुंचे थे. कलेक्ट्रेट में समीक्षा के दौरान जल संसाधन विभाग की ओर से तैयार प्रोजेक्ट को प्रमुखता से रखा गया. उसके बाद सांसद व सदर विधायक की ओर से भी इसकी मांग को दोहरायी गयी. सीएम ने इस प्रोजेक्ट को गंभीरता से लेते हुए मंजूर करने की घोषणा की. अब कैबिनेट से मंजूरी मिलने से दियारा को बड़ी संजीवनी मानी जा रही है.

छह प्रखंडों में बाढ़ से मिलेगी राहत

बाढ़ प्रभावित छह प्रखंड कुचायकोट, गोपालगंज, मांझा, बरौली, सिधवलिया एवं बैकुंछपुर के साथ-साथ पड़ोसी जिला सारण को बाढ़ से मुक्ति मिलेगी. साथ ही बाढ़ अवधि में तटबंध की सुरक्षा में लगे अभियंताओं, बांध श्रमिकों तथा प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सतत निगरानी, चौकसी एवं बेहतर पर्यवेक्षण संभव हो सकेगा. बाढ़ संघर्षात्मक सामग्रियों की ढुलाई शीघ्र एवं सुगमता से हो सकेगी.

सारण तटबंध पर बंगरा से सरफरा तक बन रही सड़क

सारण मुख्य तटबंध पर बंगरा घाट से लेकर सरफरा तक पक्कीकरण कार्य कराने के लिए प्रथम फेज में 10769.10 लाख रुपये खर्च कर काम शुरू करा दिया गया है. यह कार्य बैकुंठपुर के पूर्व विधायक मिथिलेश तिवारी की पहल पर सरकार की ओर से योजना का टेक्निकल एप्रेजल के लिए गंगा बाढ़ नियंत्रण आयोग को भेज कर मंजूरी लेने के बाद अब काम शुरू कराया गया है. जल संसाधन विभाग के द्वारा तटबंध पर सड़क निर्माण कराने का काम शुरू हो गया है.

तटबंधों को सुदृढ़ कर उस पर बनेगी सड़क

जिले के सभी छरकियाें पर ही गंडक नदी का दबाव बढ़ता है. ऐसे में सरकार की ओर से सभी छरकियों को सदृढ कर उस पर सड़क बनाने की मंजूरी मिली है. इससे बांध न सिर्फ मजबूत होगा बल्कि उस पर बाढ़ के दिनों में बचाव कार्य करना व सामान पहुंचाना भी आसान हो जायेगा. पहले कच्ची होने के कारण बारिश के दिनों में सामान पहुंचाना भी काफी चुनौती भरा काम था.

तटबंध होगा काफी मजबूत, मिलेगी राहत

जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता प्रमोद कुमार ने बताया कि पहले से ही छरकियों को काफी मजबूत किया जा चुका हे. जहां-जहां जरूरत है उसे इस प्रोजेक्ट में शामिल कर लिया गया है. सारण तटबंध के बचे हुए 32 किमी व 85 किमी छरकियों पर सड़क का निर्माण करा कर बाढ़ से आबादी पूरी तरह से सुरक्षित हो जायेगी. सड़क के निर्माण होने से लोगों की आवाजाही भी आसान होगी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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