गोपालगंज. गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के तीन गुर्गों की गिरफ्तारी के बाद पांच राज्यों की एटीएस टीम गोपालगंज पहुंचकर जांच में जुटी है. इनमें राजस्थान और झारखंड एटीएस के बड़े अधिकारी भी पहुंचे हुए हैं. इनके अलावा यूपी व बिहार एटीएस के साथ दिल्ली स्पेशल सेल की पुलिस जांच कर रही है. बताया जा रहा है कि पूछताछ में लॉरेंस विश्नोई के गुर्गों ने कई अहम खुलासे किये हैं. सूत्रों की मानें, तो गिरफ्तार दिनेश सिंह रावत ने बताया है कि इसके पहले सात जुलाई को भी हथियार की सप्लाइ की गयी थी. मुजफ्फरपुर से ग्लोक पिस्टल को झारखंड किसके जरिये पहुंचाया गया, पुलिस ने उसकी पहचान कर गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है. इधर, पूछताछ के बाद राजस्थान, झारखंड और यूपी के अलावा अन्य जगहों पर हुए बड़े कांडों का खुलासा भी होने की संभावना जतायी जा रही है. फिलहाल एनआइए, एटीएस, आइबी और एसटीएफ के साथ बिहार पुलिस इन गुर्गों के संपर्क में आये लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में लॉरेंस विश्नोई और अमन साहू गैंग के बीच इंटरनेट के जरिये बातचीत के कई साक्ष्य मिले हैं. गिरफ्तार किये गये गुर्गों के मोबाइल में भी गैंगस्टरों के लिए काम करने के साक्ष्य मिले हैं. ऐसे में बिहार पुलिस मान रही है कि इस गैंग में कई राज्यों के अपराधी शामिल हो सकते हैं. 22 जुलाई को यूपी-बिहार सीमा के बलथरी चेकपोस्ट पर कुचायकोट थाने की पुलिस ने नगालैंड नंबर की एक बस से मुजफ्फरपुर के गायघाट थाना क्षेत्र के बोवारी गांव निवासी संतनु शिवम और राजस्थान के अजमेर जिले के कमल राव को गिरफ्तार किया था. इनके पास से ऑस्ट्रिया निर्मित चार ग्लोक पिस्टल व आठ मैगजीन बरामद की गयी थी. इनकी निशानदेही पर राजस्थान के अजमेर जिले के केसरपुर निवासी दिनेश सिंह रावत को 24 जुलाई को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में गिरफ्तार अपराधियों ने लॉरेंस बिश्नोई के लिए काम करने और झारखंड के गैंगस्टर अमन साहू तक हथियार पहुंचाने की बात बतायी थी. मलयेशिया में बैठे सुनील मीणा उर्फ मयंक सिंह ने एसएमएस भेजकर इसकी जानकारी दी थी कि हथियार अमन साहू गैंग के लिए मंगाये गये हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है