GOPALGANJ NEWS:सीएम बाल हृदय योजना से धड़केगी 20 बच्चों के दिलों की धड़कन
GOPALGANJ NEWS:जिले में मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत 20 बच्चों नया जीवन मिल सकेगा. इन बच्चों को दिल में छेद होने के कारण चिह्नित किया गया था और उनका इलाज पटना के आइजीआइसी में कराया जायेगा.
गोपालगंज. जिले में मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत 20 बच्चों नया जीवन मिल सकेगा. इन बच्चों को दिल में छेद होने के कारण चिह्नित किया गया था और उनका इलाज पटना के आइजीआइसी में कराया जायेगा. यहां विशेषज्ञ चिकित्सक उनकी स्क्रिनिंग करेंगे और जिन बच्चों को ऑपरेशन की जरूरत होगी, उनका नि:शुल्क इलाज आइजीआइसी और श्रीसत्य साईं अस्पताल, अहमदाबाद में किया जायेगा. बच्चों को हवाई जहाज के माध्यम से भेजा जायेगा. सिविल सर्जन डॉ बिरेंद्र प्रसाद ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत जिले के विभिन्न स्वास्थ्य प्रखंडों में कार्यरत डॉक्टर, फार्मासिस्ट और एएनएम हर कार्यदिवस को स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों पर जाकर 0-18 वर्ष के जन्मजात रोगों से ग्रस्त बच्चों की जांच करते हैं. चिह्नित किये गये बच्चों को उच्च स्वास्थ्य संस्थानों जैसे आइजीआइसी पटना, एम्स पटना और श्री सत्य साईं अस्पताल, अहमदाबाद में बेहतर नि:शुल्क चिकित्सा के लिए भेजा जाता है. मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना ने जन्मजात हृदय रोगियों के लिए आशा की किरण साबित की है. अब तक जिले से 100 से अधिक बच्चों को चिह्नित कर चिकित्सा के लिए भेजा गया है, जिनमें से 54 बच्चों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है. डीपीएम धीरज कुमार ने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक तंगी या किसी अन्य कारणों से बच्चों का इलाज कराने में असक्षम लोगों को जरूरी मदद उपलब्ध कराने के प्रति प्रतिबद्ध है. उनका उद्देश्य बच्चों को समय पर उचित इलाज उपलब्ध कराना है ताकि वे स्वस्थ होकर सामान्य जीवन जी सकें. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 0 से 18 साल तक के चर्मरोग, दांत, आंख, श्वसन संबंधी विकार, जन्मजात विकलांगता, कटे होंठ व तालू सहित कई अन्य रोगों का नि:शुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाता है.डीपीएम ने आम लोगों से इस कार्यक्रम के प्रति जागरूक होने और दूसरों को भी जागरूक करने की अपील की. सरकार की यह पहल न केवल बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास है, बल्कि समाज के कमजोर वर्ग को यह एहसास दिलाती है कि उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है. यह कदम उन परिवारों के लिए आशा की किरण है जो अपने बच्चों के इलाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत अब तक दर्जनों बच्चे सामान्य जीवन जी रहे हैं और इस योजना का लाभ उठा रहे हैं.
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