उफनती नदी व नहर में स्नान करना बना जानलेवा, बुझ रहें घरों के चिराग, 72 घंटे में सात की गयी जान

बरसात में नदियां उफान पर हैं. नहर और तालाब भी पानी से भर गये हैं. ऐसे में नदी, नहर, तालाब और जलाशय में स्नान करना या स्टंट लगाना जानलेवा साबित हो सकता है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 2, 2024 10:06 PM

गोपालगंज. बरसात में नदियां उफान पर हैं. नहर और तालाब भी पानी से भर गये हैं. ऐसे में नदी, नहर, तालाब और जलाशय में स्नान करना या स्टंट लगाना जानलेवा साबित हो सकता है. हाल के दिनों में 72 घंटे के अंदर सात बच्चों की डूबने से मौत हो चुकी है. बच्चों के डूबने की घटना से जिला प्रशासन चिंतित है. डीएम मोहम्मद मकसूद आलम ने भी चिंता जतायी है. डीएम ने सभी अंचल पदाधिकारियों को अपने-अपने इलाके में नदी, नहर और तालाब में स्नान कर रहे लोगों को जागरूक करने और स्नान नहीं करने के लिए माइकिंग करने का निर्देश दिया है. आपदा विभाग के एडीएम सादुल हसन इससे संबंधित बैठक भी की है. वहीं जिनके घरों के चिराग बुझ गये, वहां आज भी माहौल गमगीन है. कुछ परिवार ऐसे हैं, जिनके बच्चे डूबने के बाद नहीं मिल सके. प्रशासनिक आंकड़ों के मुताबिक गंडक नदी में एक ही परिवार के चार बच्चे स्नान करने के दौरान बखरी पंचायत से लापता हो गये. लाछपुर में दो छात्राएं डूब गयीं, जिनका शव दो दिनों बाद मिला. एक बच्चा भी मांझा के बथुआ बाजार में डूब गया, जिसके शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया है. विगत एक साल के आंकड़ों की बात करें, तो डूबने से 35 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. ऐसे में जिला प्रशासन ने बरसात तक नदियों के अलावा नहर और तालाब में बच्चों के नहाने पर रोक लगा दी है. अभिभावकों से भी बच्चों पर नजर रखने के लिए अपील की गयी है. बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के जादोपुर मटियारी गांव के निवासी शिक्षक नवलेश कुमार सिंह की माता फुलमती देवी का निधन हो गया था. 26 अगस्त को दशकर्म मुंडन में शामिल होने के बाद स्नान करने के दौरान निखिल कुमार, सुजीत कुमार, सुजीत के छोटा भाई सुमित कुमार व संजीव कुमार डूब गये. अब तक नहीं मिले. वहीं डीएम मोहम्मद मकसूद आलम ने कहा कि बरसात का मौसम चल रहा है. नदी, नहर और तालाब पानी से भरे हुए हैं. गहरे पानी में स्नान करना या स्टंट लगाना जानलेवा साबित हो सकता है. अभिभावकों को अपने बच्चों पर नजर रखनी होगी. जिला प्रशासन की ओर से नदी, नहर और तालाब में स्नान नहीं करने की अपील की गयी है. अंचल पदाधिकारी, कर्मचारी और पंचायतों के जनप्रतिनिधियों द्वारा भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

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