Gopalganj Flood, गोपालगंज. डीएम मोहम्मद मकसूद आलम ने अधिकारियों के साथ तटबंधों की सुरक्षा का जायजा लिया और बाढ़ की त्रासदी को रोकने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये. जलसंसाधन विभाग के अनुसार शनिवार की शाम पांच बजे वाल्मीकिनगर बराज से पांच लाख 15 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी में डिस्चार्ज किया गया. अचानक जल स्तर बढ़ने से तटबंध के निचले इलाके में बसे लोग चिंतित हैं. नदी में लगातार पानी बढ़ने से सहमे हुए हैं. गंडक नदी में शनिवार की सुबह में डिस्चार्ज लेवल आठ बजे तीन लाख 65 हजार क्यूसेक मापा गया था. वहीं, पतहरा में दो लाख पानी क्रॉस कर रहा था. रविवार की शाम तक पांच लाख क्यूसेक पानी पहुंचने का अनुमान है.
ऊंचे स्थानों पर जाने की डीएम ने की अपील
शनिवार को पूरे दिन डीएम का काफिला तटबंधों पर दौड़ता रहा. डीएम मोहम्मद मकसूद आलम ने बैकुंठपुर के सत्तर घाट, कुचायकोट के अहिरौलीदान और सारण तटबंध की सुरक्षा का जायजा लिया. डीएम ने बताया कि तटबंध के निचले इलाके में बसे लोगों से अपील की गयी है कि वे ऊंचे स्थानों पर बनाये गये कम्युनिटी किचेन में शरण लें.
कंट्रोल रूम चालू
डीएम ने यह भी बताया कि जिला प्रशासन बाढ़ की संभावित स्थिति से निबटने के लिए पूरी तरह तैयार है. उन्होंने कहा कि वाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज किये गये पानी की वजह से गोपालगंज में अगले 20 से 24 घंटे में जल स्तर और बढ़ सकता है. इसलिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है और सभी संबंधित विभागों को अलर्ट किया गया है. कंट्रोल रूम को भी चालू कर दिया गया है, ताकि किसी भी स्थिति का त्वरित समाधान किया जा सके.
डीएम के साथ आपदा प्रभारी सादुल हसन, सदर एसडीएम डॉ प्रदीप कुमार, जलसंसाधन विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी प्रमोद कुमार और प्रशासन की अन्य टीम मौजूद थी. सभी सीओ, बीडीओ और थानाध्यक्षों को तटबंधों की निगरानी के लिए तैनात किया गया है. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करें. बाढ़ के संभावित खतरे के मद्देनजर, स्थानीय लोगों को अपने आसपास की स्थिति पर ध्यान देने और जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गयी है.
दियारा के लोगों से क्या कहा गया
दियारा के लोगों से कहा गया है कि वे किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क करें. प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना और आपसी सहयोग से ही इस संकट से उबरा जा सकता है. जिला प्रशासन का यह प्रयास स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बाढ़ की स्थिति से निबटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का है. लोगों को संयमित रहने और प्रशासन की सहायता करने की भी अपील की गयी है. हालांकि, जल स्तर बढ़ने के साथ ही स्थानीय लोगों में चिंता भी बढ़ी है, लेकिन प्रशासन के प्रयासों और तैयारी से उम्मीद है कि बाढ़ की स्थिति को नियंत्रित किया जा सकेगा. स्थानीय लोग अपने क्षेत्र में जलभराव की स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं और प्रशासन के निर्देशों का पालन कर रहे हैं. इस प्रकार, बाढ़ की संभावित स्थिति के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है और सभी आवश्यक उपाय किये जा रहे हैं ताकि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
स्कूलों को बंद रखने का निर्देश
तटबंध के अंदर बने सभी स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है. वैसे विद्यालय, जो बाढ़ से प्रभावित हो सकते हैं, उन स्कूलों के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों को भी बंद रखने का निर्देश दिया गया है. छह प्रखंडों की 42 पंचायतों में गंडक नदी के तटबंध के अंदर कई विद्यालय व आंगनबाड़ी केंद्र के अलावा शैक्षणिक संस्थान चलते हैं.
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सदर में घुसा गंडक का पानी
सदर प्रखंड में जगीरी टोला, मकसूदपुर, मलाही टोला, कटघरवा, रामनगर, जगीरी टोला खाप, कमल चौधरी का टोला आदि जगहों पर बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. लोग मवेशियों को लेकर उंचे स्थलों पर जाने के लिए पलायन शुरू कर दिये हैं. सबसे अधिक खाने-पीने को लेकर दियारा क्षेत्र के लोगों की परेशानी है.
बाढ़ के पानी से घिरा रामपुर हाइस्कूल
सदर प्रखंड के जगीरी टोला पंचायत का रामपुर प्लस-टू स्कूल, मीडिल स्कूल और प्राथमिक स्कूल के अलावा पंचायत भवन बाढ़ के पानी से घिर गया है. यहां आने-जाने के लिए अब कोई साधन नहीं बचा है. गांव के लोग निचले इलाके से ऊंचे स्थलों पर जाने के लिए मजबूर दिखे. सड़क मार्ग पर भी दो से तीन फुट पानी लग गया है, जिससे वाहनों का परिचालन पूरी तरह से ठप हो गया है.
पहाड़ी सांपों का कहर भी झेल रहे दियारावासी
बिजली पोल में करेंट, सड़क पर बहते पानी में जहरीले सांप, आसमान से आफत की बारिश, इन सभी परेशानियों को दियारावासी झेल रहे हैं. रामपुर गांव की रमावती देवी, मुन्नी देवी, सीता कुंवर ने बताया कि दो दिनों में तीन लोगों को जहरीले सांप ने डस लिया. सात लोगों के घरों में घुसे सांप को मारा गया. बाढ़ का पानी आने के साथ ही पहाड़ी सांपों का कहर भी शुरू हो जाता है. मेडिकल टीम भी गांव में अबतक नहीं आयी है.
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