Bihar News: बाबा सिद्दीकी की मुंबई में हत्या से शेखटोली में मातम, बिहार से था खास रिश्ता, खोले थे शिक्षा के 40 केंद्र

Bihar News: 2018 में पहली बार गोपालगंज आये थे. शिक्षा और क्रिकेट के क्षेत्र में विकास के लिए बड़ी फंडिंग की थी. हत्या की खबर पाकर परिवार के सदस्य मुंबई के लिए रवाना हो गए, बाबा सिद्दीकी ने इसी साल कांग्रेस से एनसीपी ज्वाइन किया था.

By Radheshyam Kushwaha | October 14, 2024 7:12 AM

अखिल कुमार, मांझा

Bihar News: गोपालगंज. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री जियाउद्दीन सिद्दीकी उर्फ बाबा सिद्दीकी की शनिवार की रात मुंबई के बांद्रा में गोली मारकर हत्या कर दी गयी. बाबा सिद्दीकी बिहार के गोपालगंज के मांझा प्रखंड के शेख टोली गांव के रहने वाले थे. बाबा सिद्दीकी की हत्या की खबर मिलते ही उनके पैतृक गांव और परिवार के सदस्यों में चीख-पुकार मच गयी. रविवार की सुबह में हत्या की खबर मिलते ही गांव में मातमी सन्नाटा छा गया. परिवार के लोग हत्या की खबर मिलने से मर्माहत और सदमे में दिखे.

बाबा सिद्दीकी के पैतृक घर शेख टोली में मौजूद उनके भतीजे मो. जीशान ने बताया कि बाबा सिद्दीकी का बिहार से खास लगाव था. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेहद करीबी थे. गोपालगंज समेत 40 जगहों पर उन्होंने शिक्षा का बढ़ावा देने के लिए फ्री एजुकेशन सेंटर खोला था. उन्होंने कहा कि पहली बार 2018 में अपने गांव आये हुए थे. तब वे गांव और परिवार में सभी से मिलकर भावुक हो गये थे. दूसरी बार 2020 में जब आये, तो गांव के विद्यालय में उन्होंने छात्र-छात्राओं के बीच शिक्षा की सामग्री का वितरण किया था और क्रिकेट के क्षेत्र में भी विकास के लिए बड़ी रकम फंडिंग की थी. बाबा सिद्दीकी अपने गांव में अंतिम बार 2022 में आये थे.

मोहम्मद जीशान ने कहा कि शनिवार की रात में चाचा के गोली मारने की खबर आयी. उसके बाद लीलावती अस्पताल में मौत होने खबर आयी. जीशान ने कहा कि मेरी मां और बाबा सिद्दीकी की भाभी बीमार हैं. सदमा बर्दास्त नहीं कर पायेंगी, इसलिए उन्हें इसकी खबर नहीं दी गयी है. परिवार के कई सदस्य जनाजे की नमाज में शामिल होने के लिए मुंबई के लिए सुबह में ही निकल गये. वहीं, बाबा सिद्दीकी के करीब शाह आलम ने कहा कि उनका गांव से बहुत लगाव था. किसी को यकीन नहीं हो रहा है कि उनका कोई दुश्मन भी होगा.

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वहीं, इमामुद्दीन ने कहा कि वह गरीबों के लिए मसीहा थे. किसी की मदद दिल खोलकर करते थे. बाबा सिद्दीकी के करीबी रिश्तेदार अब्दुल अहद ने महाराष्ट्र सरकार से दोषियों की गिरफ्तारी करने और कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की. वहीं, ग्रामीण हसरूद्दीन आलम ने भी हत्या की घटना को दुखद बताया और राजनीति के बड़ी क्षति बताया. रविवार को पूरे दिन बाबा सिद्दीकी के पैतृक आवास पर लोगों के पहुंचने और परिवार के सदस्यों को सांत्वना देने का सिलसिला जारी रहा.

शिक्षा, क्रिकेट और सामाजिक कार्यों में रहा बड़ा योगदान

बाबा सिद्दीकी का गोपालगंज में शिक्षा, क्रिकेट और सामाजिक कार्यों में अहम योगदान था. यहां मांझा के प्लस-टू विद्यालय, एमएम उर्दू प्लस-टू विद्यालय और क्रिकेट एकेडमी में उन्होंने बड़ा योगदान दिया था. परिवार के सदस्यों के मुताबिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों में पाठ्य सामग्री का वितरण करते थे. वहीं क्रिकेट के क्षेत्र में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने से लेकर उनके लिए किट उपलब्ध कराते थे और क्रिकेट एकेडमी में बड़ा योगदान था.

पांच साल के उम्र में चले गये थे मुंबई : बाबा सिद्दीकी अपने पिता अब्दुल रहीम के साथ पांच साल की उम्र में ही मुंबई चले गये थे. अब्दुल रहीम मुंबई में घड़ी की दुकान चलाते थे. प्रारंभिक पढ़ाई-लिखाई मुंबई में हुई. 1977 में बाबा सिद्दीकी एनएसयूआइ से जुड़े, उसके बाद तीन बार कांग्रेस के विधायक रहें और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी. इधर, फरवरी महीने में कांग्रेस से नाता तोड़कर एनसीपी में ज्वाइन किया था. महाराष्ट्र में राजनीति के बड़े कद के नेता माने जाते थे.

एआइएमआइएम कार्यालय पर शोकसभा का हुआ आयोजन

महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री रहे गोपालगंज के बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या की घटना दुखद है. यह घटना ऐसे समय में हुई है जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नजदीक है. एआइएमआइएम के प्रदेश सचिव और सारण प्रभारी अनस सलाम ने इस हत्या की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि बाबा सिद्दीकी का गोपालगंज से गहरा लगाव था और उनकी स्थानीय लोगों से निकटता ने उन्हें एक लोकप्रिय नेता बना दिया था. अनस सलाम ने महाराष्ट्र सरकार से उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार की विफलता से एनसीपी नेता के बड़े नेता की हत्या हुई.

वहीं, बाबा सिद्दीकी की आकस्मिक मौत से राजनीति को अपूर्णीय क्षति बताया. इस दुखद घटना के बाद जिला कार्यालय पर एक शोकसभा का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता जिलाध्यक्ष फरहान शेख ने की. इस सभा में पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए, जिन्होंने बाबा सिद्दीकी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की. मौके पर छपरा प्रभारी शहाबुद्दीन अहमद, इमरान अहमद, अलाउद्दीन अहमद, सुनील पासवान, अममुल्लाह, करमचंद पटेल, अली आफताब मंसूरी, राइस अली, मोहम्मद मुस्लिम और खुर्शीद आलम समेत अन्य कई लोग उपस्थित थे.

बाबा सिद्दीकी की हत्या पर राजद ने की निंदा

एनसीपी नेता तथा महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री जियाउद्दीन सिद्दीकी उर्फ बाबा सिद्दीकी की मुंबई में हुई हत्या की राजद ने कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए हत्यारों को कठोर सजा देने की मांग की है. राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष रेयाजुल हक राजू ने इस जघन्य हत्या की कड़ी शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि इस मुश्किल वक्त में मेरी संवेदनाएं मरहूम बाबा सिद्दीकी के परिवार के साथ है. यह घटना महाराष्ट्र की गिरती कानून-व्यवस्था को उजागर करता है. श्री राजू ने इस पूरे घटना की उच्चस्तरीय जांच कर बाबा सिद्दीकी के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग की है.

राजद के जिलाध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह ने बाबा सिद्दीकी की हत्या पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि गोपालगंज से जाकर मुंबई में एक अलग स्थान बनाने वाले बाबा सिद्दीकी बहुत ही नेक दिल इंसान थे. उनका इस तरह जाना एक अपूर्णीय क्षति है, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है. पूरा राजद परिवार इस घड़ी में उनके परिजनों के साथ है. राजद के प्रधान महासचिव इम्तेयाज अली भुट्टो ने इस हत्याकांड की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की एनडीए सरकार अपराध और अपराधियों को काबू करने में पूरी तरह विफल है. उन्होंने कहा कि हत्या कांड की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और असली कातिलों को कठोर सजा मिलनी चाहिए.

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