Bihar News: थाईलैंड, वियतनाम, म्यांमार और कंबोडिया में गोपालगंज की तीन महिलाएं भी फंसी हैं. इनके साथ गोपालगंज के 47 युवक फंसे हैं, जिनसे साइबर फ्रॉड के गैरकानूनी काम लिये जा रहे हैं. युवकों ने वीडियो भेजकर पुलिस प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगायी है. इधर, महिलाओं के साथ 47 लोगों के फंसे होने की सूची मिलते ही पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने जांच शुरू कर दी है. गोपालगंज के एसपी अवधेश दीक्षित ने जांच के लिए साइबर डीएसपी अवंतिका दिलीप कुमार और डीएसपी पूजा प्रसाद के नेतृत्व में तीन टीमें गठित की है. ये दूसरे देश में फंसे हुए लोगों की जांच कर रही हैं. पुलिस और इओयू की अब तक की जांच में सामने आया है कि अधिकतर लोगों को एजेंट ने टूरिस्ट, धार्मिक और फैमिली वीजा बनाकर थाईलैंड, वियतनाम, म्यांमार व कंबोडिया में भेजा था. एजेंट कौन-कौन हैं, उनकी पहचान की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई चल रही है. जो महिलाएं फंसी हैं, वे नगर थाना क्षेत्र के जादोपुर रोड, सरेया मोहल्ला और भोरे थाना क्षेत्र के नोनिया छापर गांव की रहनेवाली बतायी गयी हैं.
दूतावास की मदद से नौ युवक लौटकर आये घर
भारतीय दूतावास की मदद से थाईलैंड, वियतनाम, म्यामार, कंबोडिया समेत अलग-अलग देशों में फंसे हुए नौ युवक सकुशल अपने वतन लौट आये हैं. घर पहुंचे गोपालगंज के इन युवकों का पुलिस टीम ने बयान लिया है. इनमें हथुआ थाना क्षेत्र के तीन, उचकागांव थाना क्षेत्र के दो, मांझा थाना क्षेत्र के दो, बरौली व कटेया के एक-एक शामिल हैं. साइबर थाने की पुलिस ने इन युवकों के घर जाकर बयान लिया है और एजेंट के बारे में पूछताछ की है.
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रौशन व साउद ने वीडियो भेज लगायी गुहार
मीरगंज थाने के फतेहपुर गांव के रहने वाले वाहिद रौशन और साउद अली थाईलैंड में तीन महीने से फंसे हैं. दोनों ने बताया कि कंप्यूटर के काम के लिए यूपी के एजेंट ने भेजा था, लेकिन जाने के बाद साइबर फ्रॉड के काम में लगा दिया गया. विरोध करने पर यातना दी जा रही है. परिवार के लोगों ने जिला प्रशासन से मिलकर दोनों बच्चों को वतन वापस बुलाने के लिए गुहार लगायी है. युवकों ने भी वीडियो भेजकर वतन वापस बुलाने के लिए सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगायी है.
47 युवक फंसे, पुलिस ने परिजनों से किया संपर्क
गृह विभाग के अनुसार गोपालगंज के करीब 47 युवक थाईलैंड, वियतनाम, म्यामार, कंबोडिया समेत अलग-अलग देश में फंसे हुए हैं. इनमें कई युवकों के परिजनों से संपर्क नहीं हो सका है. जबकि कई ऐसे युवक हैं, जो भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय की पहल पर अपने घर लौटकर आ चुके हैं. आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) पीड़ित परिवार के संपर्क में है और लगातार इस मामले की जांच कर कार्रवाई की जा रही है. पुलिस भी परिजनों से मिलकर लगातार जांच और कार्रवाई कर रही है.
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