Bihar: इस साल होगी धान की बंपर खेती, कृषि विभाग किसनों की करेगा ऐसे मदद
Bihar: गेहूं की कटनी के बाद गरमा मूंग की खेती के साथ ही कृषि विभाग ने धान की खेती को लेकर अपनी कवायद शुरू कर दी है. इस कवायद के तहत इस बार 97 हजार हेक्टेयर में धान की खेती कराने का जिला कृषि विभाग ने लक्ष्य निर्धारित किया है.
Bihar: गोपालगंज. मानसून के दस्तक के साथ ही कृषि विभाग अब धान की खेती की तैयारी में जुट गया है. इस बार गोपालगंज जिले में 97 हजार हेक्टेयर में धान की खेती की जाएगी. इसके लिए कृषि विभाग को समय से पर्याप्त मात्रा में बीज व खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक चुनौती है. हरेक प्रखंड के लिए विभाग ने बकायदा लक्ष्य निर्धारित तो कर दिया है, लेकिन बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक मुश्किल काम होता है. वैसे विभाग इस साल उपादान वितरण अभियान चलाने का निर्णय लिया है.
श्रीविधि से धान की खेती पर जोर
इस बार जिले में किसानों को धान की खेती श्रीविधि से ही करने की सलाह दी जा रही है. लक्ष्य निर्धारित होने के बाद समय से बीज और खाद उपलब्ध करने की दिशा में भी कृषि विभाग ने पहल शुरू कर दी है. जिला कृषि पदाधिकारी भुपेंद्र मणि त्रिपाठी ने स्थानीय मीडिया को बताया कि धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही इस बार श्रीविधि से धान की खेती पर जोर दिया जाएगा. इसके लिए किसानों को चयनित करने की प्रक्रिया जल्द की शुरू की जाएगी. उन्होंने बताया कि लक्ष्य निर्धारित करने के बाद प्रत्येक प्रखंड में किसानों को बीज उपलब्ध कराने के लिए बकायदा अभियान चलाया जाएगा. इसके अलावा दुकानों में ससमय बीज उपलब्ध होने की भी व्यवस्था की जाएगी.
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उर्वरक की उपलब्धता होगी चुनौती
कृषि विभाग के आंकड़ों को मानें तो धान की खेती के लिए करीब तीन हजार एमटी एनपीके मिक्सचर के अलावा करीब चार हजार एमटी एसएसपी की जरुरत होगी. अलावा इसके किसानों को इस अभियान में करीब 17 हजार एमटी यूरिया की भी दरकार होगी. कृषि विभाग के लिए समय से खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती होगी. पिछले वर्षों में खाद व बीज की समय से उपलब्धता नहीं होने का अनुभव इस बात की गवाही दे रहा है कि इस समस्या से निकलना कृषि विभाग के लिए बड़ी चुनौती होगी. प्रति वर्ष कृषि विभाग पर समय से खाद नहीं उपलब्ध कराने के आरोप लगते रहे हैं. ऐसे मे विभाग इस साल इस बड़ी समस्या से निजात दिलाने के लिए पूर्व से ही तैयारियों में जुटा दिख रहा है.