गोपालगंज : बिहार के गोपालगंज में सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में होली के दिन उस समय अफरातफरी मच गयी, जब नशे में टल्ली होकर दो युवक बकरी और कुत्ता का इलाज कराने के लिए ड्रेसिंग रूम में पहुंच गये. घटना दोपहर की है. इमरजेंसी वार्ड में दोनों युवक बेड पर कुत्ता और बकरी को सुला दिये और डॉक्टर से मरीज को छोड़कर जानवरों की इलाज करने की जिद करने लगे.
मना करने पर डॉक्टर से उलझे
स्वास्थ्यकर्मियों के द्वारा मना किये जाने पर डॉक्टर से उलझ गये. स्थिति बिगड़ते देख ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर कैसर जावेद ने एसपी को फोन कर जानकारी दी. इस बीच सदर एसडीओ उपेंद्र कुमार पाल, एसडीपीओ नरेश पासवान, नगर इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार राय पहुंच गये.
युवक को पुलिस ने हिरासत में लिया
अधिकारियों को आते देख कुत्ता लेकर एक युवक फरार हो गया, जबकि, बकरी का इलाज कराने पर अड़े युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. पूछताछ के लिए थाना लाया गया. पकड़े गये युवक का नाम मुन्ना कुमार बताया गया, जो पुरानी चौक का निवासी था. हालांकि, पुलिस ने बुधवार को पीआर बांड भरवाने के बाद आरोपित युवक को छोड़ दिया.
नाराज डॉक्टरों ने की कार्रवाई की मांग
उधर, डॉक्टरों ने इस तरह के मामले आने पर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई करने की मांग की है. डॉक्टरों का कहना है कि जख्मी हालत में कुत्ता और बकरी को इमरजेंसी वार्ड में लाये जाने और बेड पर सुला दिये जाने से मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है.
डॉक्टर से ली गयी घटना की पूरी जानकारी
सदर एसडीपीओ ने कहा कि सूचना मिलने पर कार्रवाई की गयी, एक युवक को पकड़ कर पुलिस को सौंपा गया. वहीं घटना की जानकारी होने पर सीएस डॉ नंदकिशोर सिंह ने नाराजगी जतायी. इमरजेंसी वार्ड का जायजा लिया और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर से घटना की पूरी जानकारी ली.
रात में डॉक्टर से उलझे मरीज, आधा घंटा बंद रहा इमरजेंसी
वहीं, मंगलवार की रात में इमरजेंसी वार्ड में तैनात डॉ सौरभ अग्रवाल से मरीज के कुछ परिजन उलझ गये. कुचायकोट से इलाज कराने आये मरीज के परिजनों का आरोप था कि दवा देने के बाद मरीज को राहत नहीं हुई. जबकि, डॉक्टर ने दो घंटे में दवा का असर करने के बाद पेट दर्द कम होने की बात कही. इसी बात को लेकर मरीज के परिजन डॉक्टर से उलझ गये और हंगामा करते हुए मारपीट करने पर उतारू हो गये. वहीं इस घटना की जानकारी मिलने पर प्रभारी डीएस डॉ कैसर जावेद पहुंचे और मामले की जानकारी पुलिस को दी गयी. करीब आधे घंटे तक इमरजेंसी वार्ड में इस घटना के बाद मरीजों की इलाज ठप रही.
होली में नहीं थी अस्पताल की पर्याप्त सुरक्षा
डॉक्टरों ने कहा कि होली को लेकर सदर अस्पताल की सुरक्षा के बारे में जिला प्रशासन से अवगत कराया गया था. बावजूद इसके इमरजेंसी वार्ड में विशेष सुरक्षा नहीं थी, जिसके कारण दो बार डॉक्टरों के साथ नोंकझोक और हाथापाई करने की नौबत आ गयी.