22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गोपालगंज में अंग्रेजों का बनाया पुल हुआ जर्जर, हादसे को दे रहा न्योता, डर-डर कर पार कर रहे ग्रामीण

गोपालगंज में झरही नदी पर अंग्रेजों द्वारा बनाए गए पुल को पार करते समय ग्रामीण डरते हैं. पुल की हालत ऐसी है कि यह कभी भी गिर सकता है. इसके खंभों में जंग लग गई है. फिर भी ग्रामीण इस पुल को पार करने को मजबूर हैं.

Bihar News: गोपालगंज के फुलवरिया-भोरे प्रखंड की सीमा पर श्रीपुर झरही नदी पर बना पुल पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. जर्जर पुल सरकार से पूछ रहा है कि इस दुर्दशा से कब मुक्ति मिलेगी. इसके बावजूद लोग आना-जाना जारी रखने को मजबूर हैं. इस पुल पर चलना मौत के कुएं से कम नहीं है. अब तो गांव वाले भी इसे मौत का पुल कहने लगे हैं. झरही नदी पर बना यह पुल मौत को दावत दे रहा है. पुल की हालत ऐसी है कि यह कभी भी गिर सकता है. लोग डर के मारे पुल पार करते हैं.

मौत का पुल कहते हैं ग्रामीण

इस पुल से दर्जनों गांवों के लोग आवागमन करते हैं. पुल के खंभे जंग खाकर गिरने के कगार पर हैं. हैरानी की बात यह है कि मौत को दावत दे रहे इस पुल से हजारों लोग आवागमन करते हैं. हजारों राहगीरों के पास नदी पार करने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है. ग्रामीण हर रोज जान जोखिम में डालकर नदी पार करते हैं. माना जा रहा है कि कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है.

सन 1900 में अंग्रेजों ने बनाया था लोहे का पुल, चार वर्षों से क्षतिग्रस्त

साल 1900 के आसपास निर्मित ब्रिटिशकालीन लोहे का यह पुल आज से करीब चार वर्षों से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. पुल से होकर जेसीबी पार करने के दौरान जेसीबी का चक्का पुल के बीचो-बीच फंस गया था. इसे काफी मुश्किल के बाद निकाला गया था. इसके बाद पुल में एक बड़ी-सी दरार आ गयी. जानकारी के मुताबिक अंग्रेज श्रीपुर कोठी पर रहते थे. नदी के उस पार आने-जाने के लिए अंग्रेजों ने लोहे के पुल निर्माण किया था, जो आज पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है.

07Gop 5 07072024 19 C191Pat101680414
गोपालगंज में अंग्रेजों का बनाया पुल हुआ जर्जर, हादसे को दे रहा न्योता, डर-डर कर पार कर रहे ग्रामीण 3

6.42 करोड़ की लागत से झरही नदी पुल बनने की मिली मंजूरी

लंबे समय से क्षतिग्रस्त स्थिति में पड़े श्रीपुर झरही नदी पुल का अब कायाकल्प किया जायेगा. इसके लिए ग्रामीण कार्य विभाग ने पुल निर्माण को स्वीकृति के साथ-साथ मंजूरी दे दी है. झरही नदी पुल 6.42 करोड़ की लागत से नये पुल का निर्माण किया जायेगा. इस पुल निर्माण से जिले के तीन प्रखंड आपस में जुड़ जायेंगे. लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि पुल निर्माण की मंजूरी मिलने के बाद भी अब तक कार्य शुरू क्यों नहीं हुआ. क्या किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि अति शीघ्र पुल निर्माण नहीं किया जाता है, तो कोई बड़ी अप्रिय घटना हो सकती है.

प्रतिवर्ष वर्ष बरसात में प्रशासन लगा देता है रेड बैरिकेडिंग

झरही नदी पुल बुरी तरह से ध्वस्त होने के कगार पर है. पुल के बीचो-बीच के अलावा पश्चिम हिस्से में दो बड़ी दरारें आने के बाद आज चार वर्षों से प्रशासन रेड बैरिकेडिंग लगाकर मौन साध लेता है. प्रशासन रेड बैरिकेडिंग लगाकर गहरी नींद में सो जाता है. उधर, असामाजिक तत्वों के द्वारा रेड बैरिकेडिंग तथा दीवार को तोड़कर पुनः आवागमन बहाल कर लिया जाता है. इसके बाद हल्के चरपहिया वाहनों का आवागमन जैसे-तैसे हो रहा था. इसी बीच करीब तीन माह पूर्व एक और बड़ा हिस्सा टूट गया, जिसके बाद आवागमन करीब ठप हो गया था.

07Gop 3 07072024 19 C191Pat101680414
गोपालगंज में अंग्रेजों का बनाया पुल हुआ जर्जर, हादसे को दे रहा न्योता, डर-डर कर पार कर रहे ग्रामीण 4

Also Read: नए इलाकों में फैला गंडक का पानी, 22 गांवों का संपर्क टूटा, जान जोखिम में डालकर किनारे पहुंच रहे लोग

पुल निर्माण होने से बड़ी आबादी को मिलेगा लाभ

भोरे-पंचदेवरी प्रखंडों की सीमा से होकर गुजरी झरही नदी के किनारे क्षतिग्रस्त लोहे के पुल के निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है. इसका निर्माण हो जाने से बड़ी आबादी को लाभ मिलेगा. दूसरी तरफ व्यावसायिक परिक्षेत्र भी बढ़ेगा. पुल के ठीक पूर्वी भाग में फुलवरिया प्रखंड के श्रीपुर कांटा में एक विशाल सब्जी बाजार लगता है. पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने से सब्जी बाजार काफी प्रभावित हो गया है.

गोपालगंज के कटेया, भोरे के साथ-साथ सीमावर्ती उत्तर प्रदेश के देवरिया-कुशीनगर जिले से सब्जी विक्रेता इस बाजार से आयात निर्यात करते थे. पुल ध्वस्त होने से उस पार खासा प्रभाव पड़ा. अब निर्माण होने से तमाम व्यावसायिक परिक्षेत्र भी बढ़ेगा और आम लोगों को सहूलियत भी होगी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें