भोरे (गोपालगंज). भोरे की खजुरहां में हुए गोली कांड में जख्मी दुबई के बिजनेसमैन को बेहतर इलाज के लिए गोरखपुर से लखनऊ रेफर कर दिया गया है. अभी तक सिर में फंसी गोली नहीं निकल सकी है. इससे उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है. वहीं, दूसरी तरफ घटना के बाद फॉरेंसिक की टीम भोरे पहुंची और घटनास्थल से सैंपल एकत्रित किया. घटना के खुलासे को लेकर बनी एसआइटी के हाथ अभी तक खाली हैं. कोई ठोस सुराग उसके हाथ नहीं लगा है. पुलिस का दावा है कि जल्द ही पूरे मामले को सामने लाया जायेगा. वहीं, अभी तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं होने से आगे की जांच भी बाधित है. बता दें कि 28 जून को खजुरहां में स्थित आजाद मोटर गैरेज पर स्कॉर्पियो को ठीक कराने पहुंचे नोनिया छापर गांव के तुलसी सिंह के पुत्र अरविंद कुमार सिंह को अपराधियों ने गोली मार दी थी. गोली उनके सिर में लगी और जाकर फंस गयी, जिन्हें इलाज के लिए भोरे रेफरल अस्पताल लाया गया था. वहां से गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया गया. लेकिन, में गोरखपुर में सिर में फंसी गोली को डॉक्टर नहीं निकाल सके. इसलिए उन्हें गंभीर हालत में लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया. लखनऊ के मेदांता अस्पताल में अरविंद कुमार सिंह का इलाज चल रहा है, जहां डॉक्टर सिर में फंसी गोली को निकालने में लगे हैं. मामले की वैज्ञानिक जांच के लिए मुजफ्फरपुर से पहुंची फोरेंसिक टीम ने घटनास्थल पर जाकर सैंपल इकट्ठा किया, जहां कुर्सी और मिट्टी में लगे खून के अलावा घटना स्थल पर मिले बुलेट के सैंपल को लिया गया. इसके अलावा घटनास्थल पर अन्य कोई संदिग्ध सामान नहीं मिला है. पुलिस को फोरेंसिक जांच रिपोर्ट का इंतजार है. पुलिस द्वारा इस मामले के खुलासे के लिए तकनीकी अनुसंधान का भी सहारा लिया गया है, जिसमें कुछ लोगों के कॉल डिटेल्स खंगाले जा रहे हैं. इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अपराधियों की पहचान की कोशिश की जा रही है. गोली कांड के खुलासे को लेकर गोपालगंज के एसपी स्वर्ण प्रभात द्वारा गठित टीम के हाथ वारदात के 24 घंटे बाद भी खाली हैं. अभी तक उसके हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लगा है, जिससे इस बात का भी खुलासा नहीं हो सका है कि आखिर अरविंद कुमार सिंह, जो यहां रहते नहीं थे उन्हें गोली मारने के पीछे अपराधियों का क्या मकसद था. आपको बता दें कि हथुआ एडीपीओ आनंद मोहन गुप्ता के नेतृत्व में गठित एसआइटी में प्रशिक्षु डीएसपी संदीप कुमार के अलावा भोरे थानाध्यक्ष अनिल कुमार, विजयीपुर थानाध्यक्ष मनीष कुमार के साथ डीआइ की टीम को भी शामिल किया गया है. टीम द्वारा मामले की जांच तो की जा रही है, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा है. इस गोली कांड में घायल व्यक्ति के फर्द बयान को अभी दर्ज नहीं किया जा सकता है, जिसके कारण प्राथमिकी भी दर्ज नहीं हुई है. पुलिस जब तक बयान दर्ज करने गोरखपुर जाती, तब तक अरविंद कुमार सिंह को लखनऊ रेफर कर दिया गया. पुलिस की एक टीम लखनऊ के लिए रवाना हुई है, जो वहां उनका फर्द बयान लेगी. प्राथमिकी दर्ज नहीं होने के कारण भी जांच को सही दिशा नहीं मिल पा रही है. जिस अरविंद कुशवाहा को अपराधियों ने गोली मारी है, वह चर्चित व्यवसायी स्व रामाश्रय सिंह के चचेरे साले और उनकी पत्नी सुनीता देवी के चचेरे भाई हैं. दुबई में इनका बड़ा व्यवसाय है. इसके अलावा रामाशीष सिंह के व्यवसाय की भी देखरेख करते थे. पुलिस द्वारा आपसी रंजिश में घटना होने की बात बतायी गयी है. लेकिन यह बात लोगों के गले नहीं उतर रही है. जिस शख्स को गोली लगी है, उसका पूरा परिवार यहां नहीं रहता, जिससे यह बात साफ नहीं हो पा रही है कि उसकी आपसी रंजिश किसी के साथ थी. हालांकि इस बात का खुलासा पुलिस की जांच के बाद ही हो पायेगा. अरविंद कुमार सिंह पर हुई फायरिंग के खिलाफ शनिवार को माले कार्यकर्ताओं ने प्रतिवाद मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया. मार्च माले कार्यालय से शुरू हुआ, जो भोरे चारमुहानी पर पहुंचकर नुक्कड़ सभा में तब्दील हो गयी. सभा को संबोधित करते हुए पार्टी के प्रखंड सचिव सुभाष पटेल ने घटना की निंदा करते हुए अपराधियों की पहचान कर उनकी शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की. सभा को जिला कमेटी सदस्य लाल बहादुर सिंह, मुखिया कमलेश प्रसाद, पैक्स अध्यक्ष राधव प्रसाद, धर्मेंद्र चौहान, प्रद्युम्न पासवान, अर्जुन सिंह आदि ने संबोधित किया. सूबे के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने एसपी से बात की. उन्होंने इस गोलीकांड में एसपी को कई निर्देश दिया. मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि इस मामले की सही जांच हो और जल्द ही अपराधियों की गिरफ्तारी हो, इसके लिए एसपी को कहा गया है. उन्होंने खास तौर पर यह भी कहा कि भोरे में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसकी व्यवस्था भी होनी चाहिए. मंत्री ने बताया कि यह एक निंदनीय घटना है, जिसकी कड़ी निंदा की जाती है. उन्होंने कहा कि अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस काम कर रही है. जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
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