कटेया पहुंची सीबीआइ की टीम ने क्राइम सीन को खंगाला, महत्वपूर्ण एविडेंस किया डिटेक्ट

चर्चित राजनाथ शर्मा हत्याकांड की जांच करने सीबीआइ की टीम शुक्रवार की सुबह कटेया पहुंची. सीबीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर राजीव रंजन के नेतृत्व में 10 अधिकारियों के टीम इस कांड की हाइ लेवल जांच की.

By Prabhat Khabar News Desk | May 10, 2024 10:16 PM

कटेया. चर्चित राजनाथ शर्मा हत्याकांड की जांच करने सीबीआइ की टीम शुक्रवार की सुबह कटेया पहुंची. सीबीआइ के ज्वाइंट डायरेक्टर राजीव रंजन के नेतृत्व में 10 अधिकारियों के टीम इस कांड की हाइ लेवल जांच की. क्राइम सीन को खंगालने के बाद महत्वपूर्ण एविडेंस डिटेक्ट किया. सुबह आठ बजे से कटेया थाने के पुलिस अधिकारियों से राजनाथ शर्मा की कस्टडी से लेकर मौत तक की जानकारी ली. थानेदार इंस्पेक्टर अभिषेक कुमार से जानकारी लेने के बाद घटनास्थल, जहां राजनाथ शर्मा को अरेस्ट कर थाने की छत पर बने एक कमरे में रखा गया था. वहां से उसे गार्ड रूम में रखा गया था, जहां उसकी मौत हो गयी. क्राइम सीन को देखने के बाद राजनाथ शर्मा के शव को जहां ठिकाना लगाया गया था, घुर्नाकुंड की खनुआ नदी के तट पर पहुंच कर श्मशान को भी देखा. सीबीआइ के वरीय अधिकारी कांड के अनुसंधान करने वाले इंस्पेक्टर मुकेश कुमार से काफी देर तक डिस्कस करने के बाद कुछ अनसुलझे सवालों का जवाब ढूंढ़ते नजर आये. उसके बाद सीबीआइ का काफिला आनंद शर्मा की हत्या की जानकारी जुटाने बेइली गांव में पहुंचा. वहां घंटों लोगों से पूछताछ कर अहम तथ्यों की जानकारी जुटायी. पांच घंटे तक सीबीआइ की टीम एक-एक तथ्य को कलेक्ट कर लौट गयी. उधर, इस कांड में पहली बार सीबीआइ के बिहार-झारखंड के ज्वाइंट डायरेक्टर के नेतृत्व में टीम के पहुंचते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मचा रहा. सीबीआइ की आज की जांच के बाद दायरे में चौकीदार से लेकर वरीय पुलिस अधिकारी तक हैं. सीबीआइ की टीम ने घटनास्थल से लेकर राजनाथ शर्मा का शव ठिकाने लगाये जाने की पूरी तथ्यों को जुटा लिया है. इस दौरान यह साफ हो गया कि कटेया थाना में पुलिस के थर्ड डिग्री के कारण राजनाथ शर्मा की मौत हुई. उसके प्राइवेट पार्ट में मिर्च तक डाले जाने की इनपुट मिले हैं. उसके बाद शव को ठिकाने लगाने से लेकर साक्ष्यों को मिटाने तक की काम पुलिस के वरीय अफसरों के इशारे पर किया गया. सीबीआइ की जांच के दायरे में कटेया थाना के हाजत में टॉर्चर करने के दौरान मौजूद चौकीदार पुलिस अधिकारी और मामले की लीपापोती करने में सहयोग करने वाले पुलिस के वरीय अधिकारी भी शामिल हैं.

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