गोपालगंज. बकरीद (ईद-उल-अजहा) का त्योहार सोमवार को अकीदत के साथ मनाया गया. सुबह 6:30 बजे से ईदगाह व मस्जिदों में नमाज शुरू हो गयी. सात बजे तक ईद-उल-अजहा की नमाज अदा की. गर्मी की वजह से इस बार मुस्लिम बस्तियों, मस्जिदों व ईदगाहों में चहल-पहल कम रही. नमाज अदा कर अमन-चैन व देश की खुशहाली के लिए दुआ मांगी. यह त्योहार तीन दिनों तक चलेगा. जिला पेशी इमाम ने ईद-उल-अजहा के मौके पर नमाज से पहले अपनी तकरीर में कहा कि अल्लाह के खलील पैगंबर हजरते इब्राहिम और उनके बेटे पैगंबर हजरते इस्माइल ने अल्लाह की रजा और खुशनूदी के लिए जो कुर्बानी पेश की थी, वह बेमिसाल थी. हुक्मे खुदाबंदी को लेकर बुढ़ापे के आलम में अपने प्यारे बेटे और पैगंबर कुर्बान कर उन्होंने न सिर्फ शैतान के मंसूबों पर पानी फेर दिया, बल्कि अल्लाह की रजा भी हासिल कर ली. अल्लाह पाक ने इन दोनों की कुर्बानी को कुबूल करते हुए हजरते इस्माइल की जगह पर जन्नती जानवर दुंबा की कुर्बानी हो गयी. नमाज के बाद लोगों ने एक-दूसरे के गले मिलकर ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दी. पूर्व विधायक सह अल्पसंख्यक कल्याण आयोग के पूर्व चेयरमैन रेयाजुल हक राजू, राजद के जिला महासचिव इम्तेयाज अली भुट्टो ने दरगाह शरीफ में नमाज अदा की. त्योहार पर उनके आवास पर बधाई देने के लिए कई लोग पहुंचे. वहीं शहर के अलावा आस-पास के कस्बों व गांवों में ईद-उल-अजहा यानी बकरीद का त्योहार पूरी अकीदत और उत्साह के साथ मनाया गया. इसको लेकर अकीदतमंदों में जबरदस्त उत्साह का माहौल था. बाद में अहले ईमान ने अल्लाह के प्यारे पैगंबर की याद में कुर्बानी की रस्म भी अदा की गयी. शहर से लेकर गांव में पुलिस अलर्ट रही. शहर के जंगलिया, घोष मोड़, अरार, हजियापुर, मौनिया चौक के अलावा मस्जिद व इमामबाड़ों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था. डीएम मोहम्मद मकसूद आलम व एसपी स्वर्ण प्रभात ने शांतिपूर्ण त्योहार मनाने पर जिलावासियों को त्योहार की शुभकामनाएं दीं.
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