सासामुसा. गंडक नदी के घटते- बढ़ते जल स्तर के कारण अहिरौलीदान- विशुनपुर बांध पर कटाव का खतरा है. नदी का सीधा अटैक अब बांध के पास हो रहा. डेढ़ सौ मीटर के रेंज में गुरुवार की शाम को कटाव की स्थिति उत्पन्न हो गयी. आनन-फानन में मौजूद अभियंताओं ने बचाव कार्य तेज कर दिया. कार्यपालक अभियंता पवन कुमार, सहायक अभियंता एकता कुमारी कमान को संभाल लिया. बांध पर बने 110 नंबर स्टर्ड के पास भी कटाव जैसे हालात बन गये. उसके अलावा नदी के बांध के पास कटाव करने जैसे स्थिति को देखते हुए हाथी पांव, नाइलन कैरेट, मिट्टी, बालू भरे बोरा को डालकर बचाव कार्य को तेज कर दिया गया. स्थिति को देखते हुए मुख्य अभियंता संजय कुमार व बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष नवल किशोर सिंह को भी बुला लिया गया. विशंभरपुर में जिस स्थान पर बांध के पास नदी का मिजाज बिगड़ा है, उसके ठीक सामने विभाग का बेस कैंप है. विशंभपुर प्लस टू स्कूल समेत कई गांव हैं, जिससे लोग सहमे हुए है. बता दें कि यूपी के अहिरौली दान में गंडक नदी में 40 फुट लंबा बोल्डर से स्पर बना दिये जाने से कारण गंडक नदी की धारा बदल गयी. कुचायकोट प्रखंड के विशंभरपुर में झील काटने के बाद बांध के करीब पहुंच गयी है. अहिरौलीदान- विशुनपुर तटबंध पर टकराकर बहने लगी है. नेपाल में बारिश थमने के बाद गंडक नदी का जल स्तर गुरुवार की देर शाम से घटने लगा. नदी का डिस्चार्ज वाल्मीकिनगर में सुबह 1.24 लाख क्यूसेक था, जो शाम छह बजे घटकर 1.14 लाख क्यूसेक पर पहुंच गयी. इससे पतहरा में नदी खतरे के निशान से 20 सेमी नीचे आ गया. वहीं टंडसपुर में अभी नदी खतरे के निशान से 35 सेमी ऊपर बह रही है. नदी के जल स्तर के घटने-बढ़ने से कटाव का खतरा बरकरार है. वैसे नदी का मिजाज कब बदल जाये, कहना मुश्किल होगा. अहिरौलीदान- विशुनपुर बांध पर नदी के पहुंचने के साथ ही कटाव जैसे हालत को देखते हुए विभाग ने यहां बचाव कार्य करने का दावा किया है. कार्यपालक अभियंता पवन कुमार ने बताया कि नदी के वेग को रोकने के लिए बचाव कार्य को कराया जा रहा. बांध पूरी तरह से सुरक्षित है. बांध पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है