फुलवरिया. भोरे- फुलवरिया की लाइफलाइन ब्रिटीशकालीन पुल के निर्माण के लिए लोगों का आक्रोश फूट पड़ा. आक्रोशित ग्रामीणों ने सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी भी की. प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जिला पार्षद प्रतिनिधि भरत यादव ने कहा कि 19वीं सदी में अंग्रेजों के द्वारा रॉड से इस पुल का निर्माण किया गया था, जो 80 हजार से ज्यादा लोगों का आवागमन का साधन है. आज यह पुल ध्वस्त हो चुका है. प्रतिदिन इस जर्जर पुल पर हादसें से होते रहते हैं. आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने कहा कि प्रशासन व प्रतिनिधि किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं. अन्यथा इस पुल का निर्माण हो जाना चाहिए था. इस पुल से दोपहिया वाहन जब गुजरता है, तो पुल का एक हिस्सा डोलने लगता है. हर समय डर का भय सताता रहता है. पुल का निर्माण कराने के लिए विभाग से लेकर नेताओं तक लिखित आवेदन के साथ-साथ धरना-प्रदर्शन दर्जनों बार किया गया. उसके बावजूद यह पुल आज तक उसी स्थिति में है, जैसे 1947 में अंग्रेज ध्वस्त स्थिति में छोड़कर चले गये थे. लोगों का कहना था कि ना जाने इस पुल का निर्माण कराने के लिए सरकार व प्रशासन की नींद कब खुलेगी. जिला पार्षद प्रतिनिधि भरत यादव ने कहा कि अति शीघ्र पुल निर्माण नहीं कराया गया, तो हम ग्रामीण बड़ा आंदोलन करने को विवश होंगे. प्रदर्शन में शामिल आमोद कुमार, परमहंस सिंह, धीरज यादव, नंदकिशोर प्रसाद, मनोज प्रसाद, उपेंद्र प्रसाद, छठू प्रसाद, जवाहर प्रसाद राम, अजय कुमार, सिकंदर चौरसिया तथा नागेंद्र सिंह के अलावा काफी संख्या में ग्रामीण शामिल रहे.
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