उचकागांव. प्रखंड मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उचकागांव में पहुंच कर सिविल सर्जन डॉ वीरेंद्र प्रसाद ने बुधवार के दिन अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. सिविल सर्जन की जांच में पाया गया कि अस्पताल के कार्यों को सुचारु ढंग से चलने के लिए बिना किसी चिकित्सक को प्रभार में दिये ही प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ धर्मेंद्र कुमार प्रशिक्षण के लिए छपरा गये हुए थे. चिकित्सक डॉ अरविंद कुमार कुम्हार अस्पताल में कार्यरत थे. दंत चिकित्सक डॉ ओम प्रकाश यादव, लिपिक उपेंद्र मांझी अपने कर्तव्य से अनुपस्थित पाये गये. पूछताछ में जानकारी मिली कि दंत चिकित्सक सप्ताह में मात्र एक दिन गुरुवार के दिन आते हैं. उपस्थिति पंजी की मांग करने पर आपातकालीन, ओपीडी व एनएचएम कर्मी की उपस्थिति पंजी का उन्होंने निरीक्षण किया. परंतु लिपिक की अनुपस्थिति के कारण कर्मियों ने अस्पताल में कार्यरत कर्मियों एवं पदाधिकारियों की उपस्थिति पंजी प्रस्तुत नहीं की. जांच में पाया गया कि लेखपाल आलोक कुमार गुप्ता को 29 जुलाई से 9 अगस्त तक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने अवकाश दिया है. यह स्थिति तब है जब 15 अगस्त तक किसी भी प्रकार के अवकाश देने पर रोक लगायी गयी थी. इस दौरान सिविल सर्जन ने सभी कर्मियों एवं चिकित्सकों को उचकागांव प्रखंड मुख्यालय में रहना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. वहीं अपने आवास का पता एवं मकान मालिक का नाम भी सूचित करने का निर्देश दिया गया है. मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, दंत चिकित्सक और लिपिक से स्पष्टीकरण की मांग की है. वहीं मेडली पर चिकित्सकों का निबंध नहीं करने को लेकर सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य प्रबंधक के वेतन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.
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