बारिश से इमरजेंसी वार्ड बना झील, ऑक्सीजन मशीन हुई बंद, डॉक्टर और मरीज रहे परेशान
मंगलवार की सुबह हुई बारिश मरीजों के लिए आफत बन गयी. हल्की बारिश के बाद अस्पताल परिसर झील में तब्दील हो गया. इमरजेंसी वार्ड के पास घुटने भर पानी भर गया. गंभीर जाेन वाले मरीजों के वार्ड, शल्य कक्ष, मेडिसिन कक्ष, डॉक्टर के चेंबर से लेकर बाथरूम तक पानी भर गया.
गोपालगंज. मंगलवार की सुबह हुई बारिश मरीजों के लिए आफत बन गयी. हल्की बारिश के बाद अस्पताल परिसर झील में तब्दील हो गया. इमरजेंसी वार्ड के पास घुटने भर पानी भर गया. गंभीर जाेन वाले मरीजों के वार्ड, शल्य कक्ष, मेडिसिन कक्ष, डॉक्टर के चेंबर से लेकर बाथरूम तक पानी भर गया. हालात ऐसे बन गये कि बिजली से चलनेवाली ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन बंद हो गयी. पीएसए प्लांट भी बंद था. ऐसे में ऑक्सीजन सिलिंडर से मरीजों की जान बचायी गयी. हालांकि पिछले 12 घंटे में तीन मरीजों की मौत भी हो गयी. मरीजों की मौत के बाद परिजनों में आक्रोश था. इनमें कबीरपुर गांव के सिपाही साह, लुहसी गांव की छठिया देवी और यूपी के तरेया सुजान की प्रभावती देवी शामिल हैं. मरीज के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन की ओर से बारिश के दौरान स्ट्रेचर और इलाज का समुचित इंतजाम नहीं किया गया. इसमें लापरवाही बरती गयी. बारिश के पानी जमा होने पर कई मरीजों को टांग कर ले जाते हुए देखा गया. सबसे ज्यादा खतरनाक अस्पताल में खुले नाले हैं, जिसमें पानी भरने के बाद अंदाजा नहीं लग पा रहा था कि कहां पर कितनी गहराई है. पानी में कई सिरिंज भी तैर रहा था. मेडिकल कचरा पानी में फैल गया, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ था. मरीजों ने अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन से इस हालात को बदलने की मांग की. वहीं, इमरजेंसी वार्ड में तैनात चिकित्सक डॉ सनाउल मुस्तफा का कहना है कि अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड का भवन बाहरी सड़क से डाउन है, इस वजह से हल्की बारिश में भी पानी जमा हो जाता है. हालात जैसी भी हों, मरीजों का इलाज करना था. उन्होंने कहा कि पानी लगने की समस्या पुरानी है. वहीं इस मामले में सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद का कहना है कि इमरजेंसी वार्ड का भवन काफी पुराना है. नया भवन बन रहा है, जल्द ही तैयार हो जायेगा, इसके बाद बारिश होने पर जलजमाव की समस्या दूर हो जायेगी. तत्काल मोटर लगाकर इमरजेंसी वार्ड से पानी को बाहर निकाला गया है.
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